NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 14 वे आँखें

Class 11 Hindi Aroh Chapter 14 वे आँखें

NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 14 वे आँखें (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है । के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं । छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

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Class 11 Hindi Aroh Chapter 14 वे आँखें

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

कविता के साथ

प्रश्न 1.
अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन।
(क) आमतौर पर हमें डर किन बातों से लगता है?
(ख) उन आँखों से किसकी ओर संकेत किया गया है?
(ग) कवि को उन आँखों से डर क्यों लगता है?
(घ) डरते हुए भी कवि ने उस किसान की आँखों की पीड़ा का वर्णन क्यों किया है?
(ङ) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता क्या तब भी वह कविता लिखता ?
उत्तर:
(क) आमतौर पर हमें अंधकार, मृत्यु, आर्थिक हानि, अपमान, मार-पीट आदि से डर लगता है।
(ख) ‘उन आँखों’ से उजड़े हुए किसान की आँखों की ओर संकेत किया गया है। वह निराश, हताश व उदासीन है। उसका सब कुछ नष्ट हो चुका है।

(ग) किसान की आँखों में करुणा, पीड़ा व दीनता का भाव भरा है। इनमें भय व खालीपन है। कवि उसका सामना नहीं कर सकता। इस कारण उसे उन आँखों से डर लगता है।
(घ) कवि को किसान की आँखों से डर लगता है, परंतु फिर भी वह उसका वर्णन करता है, क्योंकि वह समाज को उसके कष्टों व समाज के उपेक्षापूर्ण रवैये के बारे में बताना चाहता है।

(ङ) यदि कवि इन आँखों से नहीं डरता तो वह कविता नहीं लिख पाता। इसका कारण यह है कि उसे किसान की पीड़ा का बोध नहीं होता। बिना बोध हुए कवि कुछ लिखने में सक्षम नहीं होता।

प्रश्न. 2.
कविता में किसान की पीड़ा के लिए किन्हें जिम्मेदार बताया गया है?
उत्तर:
कविता में किसान की पीड़ा के लिए समस्त संसार को जिम्मेदार बताया गया है। कवि कहता है कि किसान को बीच धारा में छोड़कर समस्त संसार किनारे हो गया है। हमारी सारी व्यवस्था इस किसान की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है। स्वतंत्रता के पश्चात् भी समस्त समाज के अन्नदाता किसान को उसकी मेहनत का फल मिलना तो दूर रहा, उसका सर्वस्व छीन लिया जाना दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

प्रश्न. 3.
पिछले सुख की स्मृति आँखों में क्षण भर एक चमक है लाती-इसमें किसान के किन पिछले सुखों की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
किसान के पिछले सुख निम्नलिखित हो सकते हैं

(क) लहलहाती खेती
(ख) बैलों की जोड़ी
(ग) उजरी गाय
(घ) पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू
(ङ) खेतों का स्वामित्व

इन सभी से उसे सुख मिलता था तथा वह अपने जीवन से संतुष्ट था। इन सबकी स्मृति से उसकी आँखों में क्षणभर के लिए चमक आ जाती है।

प्रश्न. 4.
संदर्भ सहित आशय स्पष्ट करेंउत्तर-
(क) उजरी उसके सिवा किसे कब
पास दुहाने आने देती?
(ख) घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन
(ग) पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक है लाती,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन,
तीखी नोक सदृश बन जाती।
उत्तर:
(क) संदर्भ-प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘वे आँखें’ कविता में किसान के दुखद जीवन की उस स्थिति का वर्णन कर रही है जब उसके घर की एक-एक चीज़ महाजन के ब्याज की कौड़ी-कौड़ी चुकाने में कुर्क हो जाती है। सुमित्रानंदन पंत ने इन पंक्तियों में ऐसा वर्णन किया है जैसे वे स्वयं इस दशा को भोग रहे हों।
आशय – किसान के खेत-खलिहान, घर-द्वार सब बिक चुके हैं, फिर भी महाजन ने ब्याज की एक कौड़ी तक नहीं छोड़ी। वसूली करने के लिए महाजन ने बैलों की जोड़ी भी नीलाम करवा दी। इन पंक्तियों में किसान को अपनी उजली सफ़ेद गाय की याद आ रही है जो अब किसान के पास नहीं है। किसान सोच रहा है कि वह तो मेरी पत्नी के अतिरिक्त किसी से दूध ही नहीं दुहाती (निकलवाती) थी तो अब महाजन के घर मेरी गाय की क्या दशा होगी? जो भी उसके पास आता होगा उसे सींग मारती होगी या फिर वे लोग मेरी ‘उजरी’ को पीटते होंगे। इसी प्रकार सोच-सोचकर किसान की आँखों में उस समय के चित्र नाच उठे हैं जिस समय वह खुश था। ऐसी बातें याद करते हुए उसको मन घोर निराशा और दुख से भर जाता है।

(ख) संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘वे आँखें’ कविता में किसान के उजड़े हुए घर का वर्णन करने के लिए सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा लिखी गई हैं। इन पंक्तियों में किसान की वेदना तो है ही, साथ-साथ समाज और परिवार में स्त्री के प्रति दुर्भावना का भी परिचय मिलता है। कवि इस स्थिति से पाठक को अवगत कराना चाहता है।
आशय – विपरीत परिस्थितियों में अनेक आर्थिक संकटों के चलते किसान अपनी पत्नी, पुत्र, पुत्री, बैलों की जोड़ी आदि को खो चुका है। अब उसके घर में केवल उसके मृत पुत्र की विधवा बहू बची है। परिवार की इस उजड़ी हुई दशा को सहन कर पाना बड़ा ही कठिन है। किसान उस बहू के घर की लक्ष्मी के रूप में लाया था, पर आज उसे पति का घात करने वाली कहकर तिरस्कृत किया जा रहा है। ग्रामीण कृषक संस्कृति और समाज में, स्त्री से पूर्व उसके पति को मृत्यु हो जाना अच्छा नहीं माना जाता और इस बात (मृत्यु) का दोषारोपण उस स्त्री पर ही किया जाता है। इसी बात का परिचय देते हुए पंत जी ने सामाजिक स्थिति का परिचय देने का प्रयास किया है। पाठक के समक्ष एक सामाजिक चित्र खींचा है।

(ग) संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियों की रचना ‘सुमित्रानंदन पंत’ द्वारा ‘वे आँखें’ कविता के अंतर्गत की गई है। इन पंक्तियों में कवि ने किसान की पीड़ाओं के साथ-साथ ग्रामीण समाज में स्त्रियों की दशा का भी वर्णन किया है।
आशय – अपने पिछले दिनों की यादें कृषक की आँखों में क्षणिक चमक लाती है पर तुरंत ही उस सुख के संसार के खोने का अहसास किसान की नज़रों को शून्य में गाड़ देता है। उसकी दृष्टि नुकीली चुभनदार बन जाती है। अर्थात् उसकी हर खुशी लुट चुकी है। उसे अपने खेत, बैल, पुत्र-पुत्री-पत्नी का बिछोह इतना सालता है कि उसकी सूनी आँखें शून्य में ताकती हुई निराशा से भरी रहती हैं।

कविता के आसपास

किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर परिचर्चा आयोजित करें तथा कारणों की भी पड़ताल करें। उत्तर:
किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं। इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित करें तथा निम्नलिखित कारणों पर चर्चा की जा सकती है –

  1. कृषि लाभ का व्यवसाय है या नहीं।
  2. रोज़गार के रूप में
  3. बीज, सिंचाई, खाद आदि की कमी
  4. उचित मूल्य न मिलना (5) कामचोरी

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