Class 11 Hindi Aroh Chapter 15 घर की याद
NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 15 घर की याद (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है । के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।
कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं । छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।
NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 15 घर की याद
Class 11 Hindi Aroh Chapter 15 घर की याद
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
कविता के साथ
प्रश्न. 1.
पानी के रात भर गिरने और प्राण-मन के घिरने में परस्पर क्या संबंध है?
उत्तर:
कवि अपने घर से बहुत दूर जेल में कैद है। उसे घर से दूर रहने की पीड़ा है। आकाश में बादल घिरकर बारिश करने लगते हैं। ऐसे में कवि के मन को स्मृतियाँ घेर रही हैं। जैसे-जैसे पानी गिर रहा है, वैसे-वैसे कवि के हृदय में प्रियजनों की स्मृतियाँ चलचित्र की तरह उभरती जा रही हैं। पानी के बरसने के कारण ही उसके प्राण व मन घर की याद में व्याकुल हो जाते हैं।
प्रश्न. 2.
मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को परिताप का घर क्यों कहा है?
उत्तर:
सावन का महीना उत्तर भारत में बहन-बेटियों के मायके आने का महीना है। आज पानी गिरने से कवि को बहनों के आने पर हँसी-खुशी से भर जानेवाले घर की याद आती है और वह जानता है कि इस वर्ष बहनों को केवल चार भाई मिलेंगे और पाँचवें (कवि स्वयं) का अभाव घरभर को दुख से भर देगा। भाई जेल में यातना झेल रहा है, वह उन सबसे दूर है। इसलिए भुजाओं के समान सहयोग देनेवाले चारों भाई और प्यार का प्रतीक बहनें और माता-पिता सभी दुखी हैं। यह बात दूर जेल में बैठा कवि जानता है। इसीलिए वह घर को परिताप (दुख) का घर कह रहा है।
प्रश्न. 3.
पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?
उत्तर:
कविता में पिता के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं को उकेरा गया है-
(क) पिता जी पूर्णत: स्वस्थ हैं। बुढ़ापे ने उन्हें छुआ तक नहीं।
(ख) वे खिलखिलाकर हँसते हैं।
(ग) वे दौड़ लगाते हैं तथा दंड पेलते हैं।
(घ) वे मौत के सामने आने पर भी नहीं डरते।
(ड) वे तूफ़ान की रफ़्तार से काम करने की क्षमता रखते हैं।
(च) वे गीता का पाठ करते हैं।
(छ) वे भावुक प्रवृत्ति के हैं। अपने पाँचवें बेटे को याद करके उनकी आँखें भर आती हैं।
(ज) वे देश-प्रेमी हैं। उनकी प्रेरणा पर ही कवि ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया।
प्रश्न. 4.
निम्नलिखित पंक्तियों में बस शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए –
मैं मजे में हूँ सही है,
घर नहीं हूँ बस यही है,
किंतु यह बस बड़ा बस है,
इसी बस से सब विरस है।
उत्तर:
एक ही शब्द बस’ का अनेक बार प्रयोग और अलग-अलग अर्थ में प्रयोग कर कवि ने यमक अलंकार से भी अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है। सबसे पहले कवि कहता है कि मैं बिलकुल ठीक हूँ, बस अर्थात् केवल यह बात है कि घर पर आपके साथ नहीं हूँ। कवि आगे कहता है कि यह बस अर्थात् केवल अपने-आप में बड़ी बात है। वह कहना चाहता है कि घर से दूर रहना मामूली बात नहीं। पर इस बस पर वश नहीं है, यह विवशता है। इस विवशता ने सब कुछ विरस अर्थात् रसहीन कर दिया है अर्थात् मात्र घर से दूर रहना जीवन के सभी रसों को सोख रहा है। इन पंक्तियों में बस मात्र केवल, बस वश, नियंत्रण, समापन के अर्थ में प्रयुक्त किया गया है जो एक चमत्कारपूर्ण प्रयोग है। सहज शब्दों में ऐसे प्रयोग भवानी प्रसाद मिश्र ही कर सकते हैं।
प्रश्न. 5.
कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मन:स्थिति को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है?
उत्तर:
कवि जेल में है। वह सावन को कहता है कि वह उसके परिवार वालों को उसकी निराशा के बारे में न बताए। यहाँ का दुखदायी माहौल, कवि का मौन रहना, आम आदमी से दूर भागना, रातभर जागते रहना, तनाव व निराशा के कारण स्वयं तक को न पहचानना आदि स्थितियाँ नहीं बताने का आग्रह करता है। वह उसे चेतावनी भी देता है कि वह कहीं सब कुछ सही न बक दे। उसके बताने के तरीके से भी परिवार वालों को संदेह नहीं होना चाहिए। कवि अपने माता-पिता को कोई पीड़ा नहीं देना चाहता। वह उन्हें खुश देखना चाहता है।
कविता के आस-पास
प्रश्न. 1.
ऐसी पाँच रचनाओं का संकलन कीजिए जिसमें प्रकृति के उपादानों की कल्पना संदेशवाहक के रूप में की गई है।
उत्तर:
पुस्तकालय में जाकर ‘मेघदूत’, ‘भगवान के डाकिए’ जैसी पाँच रचनाएँ संकलित कीजिए।
प्रश्न. 2.
घर से अलग होकर आप घर को किस तरह से याद करते हैं? लिखें।
उत्तर:
घर हमारे लिए स्वर्ग-सा सुखकर और सबसे आत्मीय स्थान होता है। घर से दूर रहकर भी हमारा मन पल-पल घर के विषय में ही कल्पनाएँ करता रहता है। हर परिस्थिति में हम सोचते रहते हैं कि इस समय मेरे घर में क्या हो रहा होगा, मेरी माँ क्या कर रही होंगी? मेरे पिता जी क्या कर रहे होंगे ? मेरे भाई-बहन मुझे याद कर रहे होंगे। कोई त्योहार हो या मौसम बदले, सरदी-गरमी-वर्षा हर परिवर्तन हमने अपने घर में देखा है तो घर से दूर होने पर हम हर स्थिति में यही सोचते हैं कि यहाँ तो ऐसा है, पर मेरे घर में वही हो रहा होगा जो मेरे सामने होता था। घर का सुख, घर के भोजन का स्वाद तक हमें याद रहता है। संसार के किसी भी कोने में हम नए-नए पकवानों की तुलना भी अपने घर के खाने से करते। रहते हैं। विदेश जाकर अपने त्योहार, संस्कार-पूजा के तरीके, घर की धूप-छाँव, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सब कुछ को याद करते हैं। उसे जीवन का सहारा, शरण-स्थली मानते हैं।