NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 17 Summary कारतूस

Hindi Sparsh Chapter 17 Summary कारतूस

NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 17 Summary कारतूस, (Hindi) exam are Students are taught thru NCERT books in some of the state board and CBSE Schools. As the chapter involves an end, there is an exercise provided to assist students to prepare for evaluation. Students need to clear up those exercises very well because the questions inside the very last asked from those.

Sometimes, students get stuck inside the exercises and are not able to clear up all of the questions.  To assist students, solve all of the questions, and maintain their studies without a doubt, we have provided a step-by-step NCERT Summary for the students for all classes.  These answers will similarly help students in scoring better marks with the assist of properly illustrated Notes as a way to similarly assist the students and answer the questions right.

NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 17 Summary कारतूस

 

पाठ की रूपरेखा

प्रस्तुत एकांकी में एक ऐसे जाँबाज़ ‘ वज़ीर अली ‘ के कारनामों का वर्णन है , जिसका एकमात्र लक्ष्य अंग्रेज़ों को इस देश से बाहर निकालना था । यह दिलेर इतना निडर था कि शेर की माँद में पहुँचकर उससे दो – दो हाथ करने की भाँति कंपनी की बटालियन के खेमे में आ पहुँचा और उनके कर्नल पर ऐसा रोब जमाया कि उसके मुँह से भी वज़ीर अली के लिए प्रशंसा के ऐसे शब्द निकले , जो किसी शत्रु या अपराधी के लिए नहीं बोले जा सकते थे ।

 

पाठ का सार

वज़ीर अली और सआदत अली

अंग्रेज़ी शासन की ओर से कर्नल कालिंज अपने एक लेफ्टिनेंट को लेकर वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए हफ़्तों से डेरा डाले हुए है , लेकिन वह हाथ नहीं आ रहा है और वज़ीर अली के दिल में अंग्रेज़ों के प्रति नफ़रत है । लेफ्टिनेंट कर्नल से पूछता है कि सआदत अली कौन है ? तब कर्नल उसे बताते हैं कि सआदत अली आसिफ़उद्दौला का भाई है । वह वज़ीर अली का दुश्मन भी है । नवाब आसिफ़उद्दौला के यहाँ कोई लड़का नहीं था । वज़ीर अली के जन्म को सआदत अली ने अपनी मौत माना । अंग्रेज़ों ने सआदत अली को अवध तख्त पर बैठा दिया था । वह अंग्रेज़ों का दोस्त और ऐश पसंद आदमी था । उसने अंग्रेज़ों को अपनी आधी जायदाद तथा दस लाख रुपये दे दिए और वह मज़े करने लगा ।

अफ़गानिस्तान के बादशाह को हमले का आमंत्रण

लेफ़्टिनेंट , कर्नल को बताता है कि वज़ीर अली ने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे – जमा को हिंदुस्तान पर हमले के लिए आमंत्रण दे दिया है । कर्नल उसे बताता है कि हमले की दावत सबसे पहले टीपू सुल्तान ने दी और फिर वज़ीर अली ने ही उसे दिल्ली बुलाया और शम्सुद्दौला ने भी । तभी लेफ्टिनेंट कर्नल से शम्सुद्दौला के विषय में पूछता है । कर्नल उसे बताता है कि शम्सुद्दौला बंगाल के नवाब का रिश्ते का भाई था । तत्कालीन समय में कंपनी के खिलाफ़ सारे बंगाल में एक लहर दौड़ गई थी । यदि यह कामयाब हो जाती , तो लॉर्ड क्लाइव ने बक्सर और प्लासी में जो कुछ पाया था , वह लॉर्ड वेलेजली के हाथों से चला जाता ।

वज़ीर अली द्वारा वकील का कत्ल

कर्नल बताता है कि उसकी एक पूरी फौज़ वज़ीर अली का पीछा कर रही है , जो बरसों से उनकी आँखों में धूल झोंक रहा है । कर्नल , लेफ्टिनेंट को वज़ीर अली के विषय में और भी बातें बताता है । वह कहता है कि कंपनी ने वज़ीर अली को उसके पद से हटाने के बाद तीन लाख रुपये सालाना वजीफ़ा देकर बनारस भेज दिया था कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता बुलाया । इस पर वज़ीर अली बनारस में रह रहे कंपनी के वकील के पास जाता है और पूछता है कि गवर्नर – जनरल ने उसे कलकत्ता क्यों बुलाया है , परंतु वकील , वज़ीर अली की बात नहीं सुनता और उसे बुरा – भला सुना देता है । वज़ीर अली अंग्रेज़ों से नफ़रत करता था , उसने उसी समय खंजर निकाला और वकील की हत्या कर दी । उसके पश्चात् वह वहाँ से भाग गया । फिर वह आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया । वहाँ के शासक ने उसे अपनी हिफ़ाजत में घागरा तक पहुँचा दिया । अब वह अपने लोगों के साथ वहाँ के जंगलों में भटक रहा था ।

कर्नल द्वारा वज़ीर अली की योजना लेफ़्टिनेंट को बताना

लेफ़्टिनेंट के पूछने पर कर्नल वज़ीर अली की योजना के विषय में बताता है कि वह किसी भी तरह नेपाल पहुँचना चाहता है । वह अफ़गानी हमले का इंतज़ार कर अपनी ताकत बढ़ाना चाहता तथा अवध पर कब्ज़ा करना चाहता है । वह अंग्रेज़ों को भी हिंदुस्तान से निकालना चाहता है । लेफ़्टिनेंट कहता है कि नेपाल पहुँचना उसके लिए कोई मुश्किल कार्य नहीं है और हो सकता है वह पहुँच भी गया हो । इस पर कर्नल कहता है कि हमारी फौजें और नवाब सआदत अली के सिपाही उसका पीछा कर रहे हैं और हम यह भी जानते हैं कि वह इन्हीं जंगलों में छिपा है ।

एक घुड़सवार का कर्नल के पास आना

एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है । कर्नल और लेफ़्टिनेंट दूर देखते हैं कि एक घुड़सवार उनकी ओर बढ़ा चला आ रहा है । लगता है वज़ीर अली का कोई आदमी उसे गिरफ्तार करवाना चाह रहा होगा । वह घुड़सवार आता है और एकांत में मिलने की माँग करता है ।

कर्नल व घुड़सवार में बातचीत

एकांत होने पर वह कर्नल से पूछता है कि आपने यहाँ इतनी युद्ध सामग्री के साथ डेरा क्यों डाला हुआ है ? इस पर कर्नल बताता है यह वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए है । घुड़सवार कहता है कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है , वह एक जाँबाज़ सिपाही है । कर्नल यह सुनने के बाद कहता है कि तुम्हें क्या चाहिए ? घुड़सवार कारतूस माँगता है और वह इसका कारण वज़ीर अली को गिरफ़्तार करवाना बताता है । कर्नल उसे दस कारतूस दे देता है । कर्नल कारतूस देने के बाद घुड़सवार से उसका नाम पूछता है । वह अपना नाम वज़ीर अली बताता है और घोड़े पर बैठकर यह कहकर चला जाता है कि आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्श देता हूँ । कर्नल उसे हक्का – बक्का होकर देखता रह जाता है । तभी लेफ्टिनेंट कर्नल के पास आता है और पूछता है कि वह घुड़सवार कौन था , इस पर कर्नल उत्तर देता है कि वह एक जाँबाज़ सिपाही था ।

 

शब्दार्थ

कारतूस पीतल और दफ़्ती आदि की एक नली जिसमें गोली तथा बारूद भरी रहती है

कर्नल- सेना का एक उच्च पद

लेफ्टिनेंट – कर्नल की अधीनता में काम करने वाला अधिकारी

खेमा – डेरा / अस्थायी पड़ाव

अफ़साने ( अफसाना ) – कहानियाँ

रोबिनहुड – अपने कारनामों से चकित कराने वाला एक चरित्र

कारनामे ( कारनामा ) – ऐसा काम जो याद रहे

खिलाफ़ – विरुद्ध

हुकूमत – शासन

पाक- पवित्र

पैदाइश – जन्म

तख्त- सिंहासन

मसलेहत- रहस्य

ऐश – पसंद – भोग – विलास पसंद करने वाला

लहर – तरंग / भावना

धरे रहना- बेकार होना

आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना

हाथ न आना – पकड़ा न जाना

जाँबाज़ – जान की बाज़ी लगाने वाला

दमखम – शक्ति और दृढ़ता

जाती तौर से व्यक्तिगत रूप से वजीफ़ा- परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि

मुकर्रर – तय करना

तलब करना – याद करना

काम तमाम करना – जान से मार डालना

जानिसार- प्राण देने वाला साथी

हुकमरां- शासक

हिफाजत- सुरक्षा

कारवाँ – झुंड / समूह / दल

स्कीम – योजना

कब्ज़ा करना – हथियाना

गर्द – धूल

मसरूफ़ – संलग्न / व्यस्त / लगा हुआ

सरपट – तीव्रता ( तेज़ी ) से

शुब्हा – संदेह

गुंजाइश – संभावना

तन्हाई- एकांत

राज़ेदिल- राज की बात

दीवार हमगोश दारद – दीवारों के भी कान होते हैं

वक्फ़ा – ठहराव / पड़ाव

मुकाम – पड़ाव

कंपनी – ईस्ट इंडिया कंपनी

हुक्म – आदेश

लावलश्कर- सेना का बड़ा समूह और युद्ध सामग्री

मायने – मतलब

जान बख़्श देना – जान छोड़ देना

सन्नाटा – भय से उत्पन्न होने वाली चुप्पी

हक्का – बक्का – हैरान / आश्चर्यचकित होना

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