NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

Class 6 Hindi Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 9 टिकट अलबम, (हिंदी) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और बिना किसी संदेह के अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

Class 6 Hindi Vasant Chapter 9 टिकट अलबम

प्रश्नअभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

कहानी से

प्रश्न 1.
नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर क्या लिखा था और क्यों? इसका असर कक्षा के दूसरे लड़के-लड़कियों पर क्या हुआ?
उत्तर
नागराजन के अलबम के मुख्य पृष्ठ पर उसका नाम लिखा था-ए.एम. नागराजन और नीचे ये पंक्तियाँ लिखी थीं-‘इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म है। ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है? यह अलबम मेरा है। जब तक घास हरी है और कमल लाल, सूरज जब तक पूर्व से उगे और पश्चिम में छिपे, उस अनंत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है, रहेगा।

इन पंक्तियों को लिखने का उद्देश्य यह था कि उस अलबम को कोई चुराए नहीं। लड़के-लड़कियों को यह पंक्तियाँ इतनी पसंद आईं कि उन्होंने इसे अपने किताब-कॉपी और अलबम पर उतार लिया।

प्रश्न 2.
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा के मन की क्या दशा हुई?
उत्तर
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा कुढ़ने लगा। उसका स्कूल जाने का मन न होता। दोस्तों से भी वह दूर रहने लगा। टिकट संग्रह में भी उसकी रुचि पहले जैसी न रही। वह हर वक्त अपना अलबम हाथ में लिए बैठा रहता। उसे अपने अलबम से चिढ़ होने लगी। जो टिकट उसने इतनी मेहनत से एकत्र किए थे, वही उसे कूड़ा लगने लगे।

प्रश्न 3.
अलबम चुराते समय राजप्पा किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा था?
उत्तर
अलबम चुराते समय राजप्पा का दिल तेजी से धड़क रहा था। अलबम कमीज के नीचे खोंसकर वह भागता हुआ अपने घर पहुँचा। उसका शरीर जल रहा था। गला सूख गया था और चेहरा तमतमा रहा था। रात का खाना भी वह नहीं खा सका उसकी सूरत भयानक हो गई थी। घर के लोग उसे देखकर चिंतित हो गए थे। रात में उसे ठीक से नींद भी नहीं आई। अलबम को तकिए के नीचे रखकर ही वह सो पाया।

प्रश्न 4.
राजप्पा ने नागराजन का टिकट-अलबम अँगीठी में क्यों डाल दिया? ।
उत्तर
नागराजन के पिता डी.एस.पी. के दफ्तर में काम करते थे। अप्पू ने राजप्पा को बताया था कि वह अलबम खोने की सूचना पुलिस को देने वाले हैं। राजप्पा यह सोचकर डर गया कि पुलिस के तलाशी लेने पर वह पकड़ा जाएगा इसलिए घबराहट में उसने नागराजन का अलबम अँगीठी में डाल दिया।

प्रश्न 5.
लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से क्यों की?
उत्तर
जिस तरह मधुमक्खी रात-दिन एक करके अपना शहद इकट्ठा करती है, उसी तरह राजप्पा भी सब कुछ भूल कर टिकट इकट्ठा करने के पीछे पड़ा रहता। वह सुबह आठ बजे ही टिकट की खोज में निकल जाता। मीलों पैदल चलकर वह अपने टिकट इकट्ठा करने वाले दोस्तों के पास जाती और दो टिकट देकर एक दूसरा टिकट लेता। उसकी इसी धुन के कारण लेखक ने उसकी तुलना मधुमक्खी से की है।

कहानी से आगे

प्रश्न 1.
टिकटों की तरह ही बच्चे और बड़े दूसरी चीजें भी जमा करते हैं। सिक्के उनमें से एक हैं। तुम कुछ अन्य चीजों के बारे में सोचो जिन्हें जमा किया जा सकता है। उनके नाम लिखो।
उत्तर
टिकटों के अलावा बच्चे और बड़े दूसरी चीज़े भी जमा कर सकते हैं। जैसे- प्ले कार्ड, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, पुस्तकें, पत्ते, चित्र, बैग, जूते, पेंटिंग्स या अनमोल कलाकृतियाँ जमा की जा सकती हैं।

प्रश्न 2.
टिकट-अलबम का शौक रखने के राजप्पा और नागराजन के तरीके में क्या फर्क है? तुम अपने शौक के लिए कौन-सा तरीका अपनाओगे?
उत्तर
अलबम के लिए टिकट एकत्रित करने में दोनों के तरीकों में फ़र्क है कि नागराजन को यह अलबम अपने मामा से मिला था जबकि राजप्पा ने अपने अलबम के टिकटों को मधुमक्खी की तरह परिश्रम से एकत्रित किया था। उसे एक-एक टिकट लेने के लिए कई बार मीलों चलना पड़ता था। एक बार तो अपने एक मित्र के घर से कनाड़ा का टिकट लेने के लिए उसे चार मील तक चलना पड़ा था। मैं अपने शौक को पूरा करने के लिए राजप्पा का तरीका ही अपनाना चाहूँगा। परिश्रम करके राजप्पा की तरह एक-एक दुर्लभ टिकट इकट्ठा करना चाहूँगा। मैं अपने टिकट के लिए किसी को मूर्ख नहीं बनाऊँगा न ही चोरी करने की बात सोचूंगा।

प्रश्न 3.
इकट्ठा किए हुए टिकटों का अलग-अलग तरह से वर्गीकरण किया जा सकता है, जैसे-देश के आधार पर। ऐसे और आधार सोचकर लिखो।
उत्तर
एकत्रित किए गए टिकट उनके मूल्य के आधार पर, उनके आकार के आधार पर, उनके समय (सन्) के आधार पर वर्गीकृत किए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त महापुरु षों के आधार पर, सामाजिक समस्याओं के आधार पर, ऐतिहासिक घटना क्रम के आधार पर, स्वतंत्रता संग्राम के आधार पर एवं पशु-पक्षियों के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
कई लोग चीजें इकट्ठी करते हैं और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाते हैं। इसके पीछे उनकी क्या प्रेरणा होती होगी? सोचो और अपने दोस्तों से इस पर बातचीत करो।
उत्तर
अपनी ख्याति प्राप्त करने के लिए लोगों में चीजे इकट्ठा करने की शौक चरम सीमा तक पहुँच जाता है। वे कोई ऐसा काम करना चाहते हैं जिससे वे अपना नाम कमा सकें। अतएव यश प्राप्त करने और प्रसिद्धि पाने के लिए वे चीजें इकट्ठी कर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
राजप्पा अलबम जलाए जाने की बात नागराजन को क्यों नहीं कह पाता है? अगर वह कह देता तो क्या कहानी के अंत पर कुछ फर्क पड़ता? कैसे?
उत्तर
राजप्पा पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने के डर से नागराजन को नहीं बता पाता है कि उसको अलबम उसने जला दिया है। अगर वह बता देता तो कहानी का अंत कुछ और होता। संभव है नागराजन उससे लड़ पड़ता। उसके माता-पिता से इसकी शिकायत करता। राजप्पा को डाँट सुननी पड़ती। हो सकता है, नागराजन स्कूल में भी सबको बता देता और राजप्पो को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती।

प्रश्न 2.
कक्षा के बाकी विद्यार्थी स्वयं अलबम क्यों नहीं बनाते थे? वे राजप्पा और नागराजन के अलबम के दर्शक मात्र क्यों रहे जाते हैं? अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर
कक्षा में बस एक राजप्पा ही था, जिसे टिकट इकट्ठा करने की धुन थी। वह एक-एक टिकट हासिल करने के लिए दोस्तों के घर के कई चक्कर लगाता था। उसका अलबम कक्षा में सबसे बड़ा था। अन्य विद्यार्थी इस काम में इतनी रुचि नहीं रखते थे। उन्होंने इसके लिए कभी प्रयास भी नहीं किया, इसलिए उनके पास टिकटों का इतना बड़ा संग्रह नहीं था। यही कारण है कि वे सब बड़े मन से राजप्पा का अलबम देखा करते थे। बाद में नागराजन को उसके मामा से एक बना बनाया अलबम मिल गया, जो राजप्पा के अलबम से अधिक सुंदर था। यद्यपि नागराजन को इसमें कोई योगदान नहीं था, फिर भी उस अलबम की सुंदरता के कारण लड़के उसके दर्शक हो गए थे।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों को कहानी में ढूंढकर उनका अर्थ समझो। अब स्वयं सोचकर इनसे वाक्य बनाओ


उत्तर
खोंसना
 (फँसाना)-माँ ने मेरे बालों में पिन खोंस दी।
अगुआ (आगे रहने वाला)-मोहन पढ़ाई-लिखाई में अपनी कक्षा का अगुआ है।
जमघट (भीड़)-आँगन में लोगों को जमघट देख वह घबरा गया।
पुचकारना (तसल्ली देना)-मैंने उस छोटे बच्चे को पुचकारकर चुप कराया।
टटोलना (छूकर अंदाजा लगाना)-मेरी जेब मत टटोलो, एक रुपया भी नहीं मिलेगा।
खलना (कमी का एहसास होना)-माँ का चले जाना उसे बहुत खल रहा है।
कुढ़ना (ईष्र्या होना)-दूसरों की सफलता देखकर कुढ़ना नहीं चाहिए।
हेकड़ी (घमंड)-राघव अपने रुतबे की हेकड़ी दोस्तों में दिखाता फिरता है।
ठहाका (जोर की हँसी)-उसके चुटकुले को सुन सभी ठहाका लगाकर हँस पड़े।
तारीफ (प्रशंसा)—उसके गुणों की सभी तारीफ करते हैं।

प्रश्न 2.
कहानी में व्यक्तियों या वस्तुओं के लिए प्रयुक्त हुए ‘नहीं’ का अर्थ देने वाले शब्दों (नकारात्मक विशेषण) को छाँटकर लिखो। उनका उलटा अर्थ देने वाले शब्द भी लिखो।
उत्तर
नकारात्मक विशेषण                                             उलटा अर्थ देने वाले शब्द
घमंडी                                                                         स्वाभिमानी
फिसड्डी                                                                         अगुआ
बेशर्म                                                                            शर्मीला
ईर्ष्यालु                                                                           स्पर्धालु
कूड़ा।                                                                          सुंदर, अच्छा
कीमती                                                                            सस्ता
फालतू                                                                       फायदेमंद, अच्छे
चिंतित                                                                            निश्चित
भयानक                                                                        मनभावन
उतरा                                                                           चढ़ी, खिला

कुछ करने को

प्रश्न 1.
मान लो कि स्कूल में तुम्हारी कोई प्रिय चीज़ खो गई है। तुम चाहते हो कि जिसे वह चीज़ मिले वह तुम्हें लौटा दे। इस संबंध में स्कूल के बोर्ड पर लगाने के लिए एक नोटिस तैयार करो जिसमें निम्नलिखित बिंद हों
(क) खोई हुई चीज़
(ख) कहाँ खोई
(ग) मिल जाने पर कहाँ लौटाई जाए?
(घ) नोटिस लगाने वाले वाली का नाम और कक्षा
उत्तर

प्रश्न 2.
डाक टिकटों के बारे में और जानना चाहो तो नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘डाक टिकटों की कहानी पढ़ो।
उत्तर
छात्र डाक टिकटों के संबंध में जानकारी के लिए इस पुस्तक को पढ़ें।

सुननासुनाना

प्रश्न 1.
राजप्पा और नागराजन की तरह क्या तुम भी कोई शौक रखते हो? उससे जुड़े किस्से सुनाओ।
उत्तर
मुझे नए एवं पुराने सिक्के इकट्ठे करने का शौक है। जो सिक्का जितना ही पुराना होता है उसके उतने ही अधिक मूल्य देकर मैं लोगों से खरीद लेता हूँ। आज मेरे पास एक सौ से अधिक सिक्के इकट्ठे हो गए हैं। इनमें से कई सिक्के विदेशी भी हैं। मेरे कुछ मित्र जब भी बिल्कुल नए या पुराने सिक्के पाते हैं, वे मुझे दे जाते हैं, ताकि वह सिक्का सुरक्षित बना रहे। छात्र अपने शौक के लिए किस्से कक्षा में सुनाएँ।

प्रश्न 2.
कुछ कहानियाँ सुखांत होती हैं और कुछ कहानियाँ दुखांत। इस कहानी के अंत को तुम दुखांत मानोगे या सुखांत? बताओ।
उत्तर
इस कहानी का अंत दुखांत है। नागराजन अपना अलबम खो जाने के कारण दुखी है। दूसरी ओर राजप्पा अलबम चुराने और उसे नष्ट कर देने के कारण पश्चाताप के बोझ तले दबा हुआ है। इस पश्चाताप के भाव को कम करने के लिए वह अपना प्रिय अलबम नागराजन को दे देता है। इस कारण उसे भी बड़े ही आन्तरिक कष्ट से गुजरना
पड़ता है।

बोलते चेहरे

इन भावों को अभिव्यक्त करके दिखाओ।
उत्तर
छात्र इन भावों की अभिव्यक्ति का प्रयास करें।

Leave a Comment