NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व,(हिंदी) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और बिना किसी संदेह के अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

Class 6 Hindi Vasant Chapter 5 अक्षरों का महत्व

प्रश्नअभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

निबंध से 

प्रश्न 1.
पाठ में ऐसा क्यों कहा गया है कि अक्षरों के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई?
उत्तर
अक्षरों की खोज के बाद विचारों को लिखने की प्रक्रिया आरंभ हुई। अपने पूर्वजों के ज्ञान और अनुभव आने वाली पीढ़ियों को लिखित रूप में प्राप्त होने लगे। इससे उनके विकास की गति तेज हुई। इतिहास का आरंभ हुआ। मनुष्य सभ्य कहलाने लगा। इस प्रकार एक नए युग की शुरुआत हुई।

प्रश्न 2.
अक्षरों की खोज का सिलसिला कब और कैसे शुरू हुआ? पाठ पढ़कर उत्तर लिखो।
उत्तर
सबसे पहले प्रागैतिहासिक मानव ने अपने भावों को व्यक्त करने के लिए चित्र-संकेतों का सहारा लिया। ये चित्र संकेत बाद में भाव संकेतों में बदल गए। जैसे एक गोले के चारों ओर रेखाएँ खींच कर बनाया गया सूर्य का चित्र ताप और धूप दर्शाने लगा। | भाव को व्यक्त करने का यह प्रयास आगे चल कर अक्षरों की खोज में परिणत हुआ। यह खोज मुश्किल से छह हजार साल पुरानी है।

प्रश्न 3.
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य अपनी बात को दूर-दराज के इलाकों तक पहुँचाने के लिए किन-किन माध्यमों का सहारा लेता था?
उत्तर
अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य चित्र संकेतों के सहारे अपने भाव व्यक्त करता था। इन्हीं चित्र संकेतों के माध्यम से वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी बात पहुँचाया करता था। जैसे पशुओं, पक्षियों, आदमियों आदि के चित्र। बाद में इन चित्रों ने भाव संकेतों का रूप ले लिया और मनुष्य इनके माध्यम से अपनी बात पहुँचाने लगा।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
अक्षरों के महत्त्व की तरह ध्वनि के महत्व के बारे में जितना जानते हो, लिखो।
उत्तर
अक्षरों द्वारा लिखकर अपने भाव व्यक्त किए जाते हैं, जबकि ध्वनि द्वारा बोलकर। मौखिक भाषा का आधार ध्वनि ही है। पहले ध्वनि पैदा हुई, उसके बाद अक्षर। ध्वनि के बल पर ही अनपढ़ व्यक्ति भी विचार-विनिमय कर लेता है। अतः ध्वनि ही अभिव्यक्ति का मूल आधार है। अक्षर ध्वनि का ही अनुकरण है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अक्षर और ध्वनि भाषा के दोनों रूपों-लिखित और मौखिक भाषा के आधार स्तंभ हैं। अक्षरों के बिना लिखा नहीं जा सकता और ध्वनियों के बिना बोलने की कल्पना नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 2.
मौखिक भाषा का जीवन में क्या महत्त्व होता है? इस पर शिक्षक के साथ कक्षा में बातचीत करो।
उत्तर
मौखिक भाषा भावों को व्यक्त करने का मुख्य साधन है। यदि हम अपने प्रतिदिन के व्यवहार पर नजर डालें, तो पाएँगे कि असंख्य बार मौखिक भाषा के प्रयोग द्वारा अक्षरों का महत्त्व ही अपनी बात हम दूसरों तक पहुँचाते हैं। मौखिक भाषा द्वारा बोलकर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात दूसरों को बताई जा सकती है। इसके प्रयोग के बिना हम किसी मूक और बधिर व्यक्ति के ही समान हैं, जो बोल-सुन नहीं सकता। मौखिक भाषा की महत्ता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि हर बात लिखकर नहीं बताई जा सकती। इसके अतिरिक्त लिखित भाषा का प्रयोग सीखने में समय लगता है, जबकि मौखिक भाषा का प्रयोग तो संसार का प्रत्येक बच्चा तब से करता है, जब वह बोलना शुरू करता है।

प्रश्न 3.
हर वैज्ञानिक खोज के साथ किसी-न-किसी वैज्ञानिक का नाम जुड़ा होता है, लेकिन अक्षरों के साथ ऐसा नहीं है, क्यों? पता करो और शिक्षक को बताओ।
उत्तर
हर वैज्ञानिक खोज किसी न किसी खास वैज्ञानिक की देन है, इसलिए उसके साथ उस वैज्ञानिक का नाम जुड़ा है। परंतु अक्षरों की खोज किसी व्यक्ति विशेष की देन नहीं है। यह मानव जाति के सम्मिलित प्रयास का परिणाम है। अक्षरों की खोज एक दिन में नहीं हुई, इसका क्रमिक विकास हुआ। मानव जाति ने कई असफल प्रयासों के बाद धीरे-धीरे अक्षरों का निर्धारण किया और उसका प्रयोग सीखा।

प्रश्न 4.
एक भाषा को कई लिपियों में लिखा जा सकता है। उसी तरह कई भाषाओं को एक ही लिपि में लिखा जा सकता है। नीचे एक ही बात को अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है। इन्हें ध्यान से देखो और इनमें दिए गए वर्गों की मदद से कोई नया शब्द बनाने की कोशिश करो


उत्तर
नदिया, नया, नशा, दिया, नक्शा, दिशा आदि।
अन्य शब्द ‘छात्र’ स्वयं बनाएँ।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
पुराने ज़माने के लोग यह क्यों सोचते थे कि अक्षर और भाषा की खोज ईश्वर ने की थी? अनुमान लगाओ और बताओ।
उत्तर
पुराने जमाने के लोग नहीं जानते थे कि अक्षरों की खोज किसने की है। ईश्वर में उनकी आस्था थी। वे ईश्वर को सर्वशक्तिमान मानते थे। यही कारण है कि जिस चीज की उत्पत्ति के विषय में वह कुछ नहीं जानते थे, उसे ईश्वर की देन मान लेते थे।

प्रश्न 2.
अक्षरों के महत्त्व के साथ ही मनुष्य के जीवन में गीत, नृत्य और खेलों का भी महत्त्व है। कक्षा में समूह में बातचीत करके इनके महत्त्व के बारे में जानकारी इकट्ठी करो और कक्षा में प्रस्तुत करो।।
उत्तर
गीत-संगीत, नृत्य और खेल मन बहलाव के साधन हैं। गीत और नृत्य तो किसी समाज की लोक संस्कृति को भी प्रदर्शित करते हैं। इनसे और खेलों के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों का व्यायाम भी होता है। ये शरीर और मस्तिष्क के विकास में सहायक होते हैं। ये मनुष्य को भावनात्मक रूप से मजबूत भी बनाते हैं। इनके बिना जीवन
नीरस और उबाऊ हो जाएगा। इस प्रकार हमें इनके महत्त्व का पता चलता है।

प्रश्न 3.
क्या होता अगर….
() हमारे पास अक्षर न होते
() भाषा न होती
उत्तर
() यदि हमारे पास अक्षर न होते तो आज हम इतने विकसित न होते। हमें हमारे इतिहास का कुछ पता नहीं होता। हमारे पूर्वजों ने कब, किस दौर में, कैसे अपना जीवनयापन किया-हम नहीं जान पाते। उनके विचार, ज्ञान और अनुभव का लाभ भी हमें नहीं मिल पाता। मानव जाति का विकास अवरुद्ध हो जाता और हम वहाँ तक नहीं पहुँच पाते, जहाँ आज हैं।

() भाषा भावों को प्रकट करने का साधन है। यदि भाषा न होती, तो मन के भावों को व्यक्त करने का माध्यम न मिलता। लोग एक दूसरे को अपनी बात कह नहीं पाते और उनमें अलगाव बना रहता। जैसे पशु साथ रह कर भी अलग रहते हैं, वैसी ही स्थिति मनुष्य की भी होती।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। | यह शब्द मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बना है। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो
असफल                        अदृश्य
अनुचित                        अनावश्यक
अपरिचित                      अनिच्छा
उत्तर
शब्द                        उपसर्ग                   मूल शब्द                                     अर्थ
असफल                     अ                            सफल                         जिसे सफलता न मिली हो
अनुचित                     अन्                          उचित                             जो ठीक (उचित) न हो
अपरिचित                   अ                           परिचित                       जिसे हम जानते-पहचानते न हों
अदृश्य                       अ                             दृश्य                                    जो दिखाई न दे
अनावश्यक                अन्                       आवश्यक                                जो जरूरी न हो।
अनिच्छा                    अन्                            इच्छा                                   बिना रुचि के

प्रश्न 2.
वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे नीचे लिखे वाक्य में|
• हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
• कोई दस हज़ार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश ‘साल’ संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके, जैसे-चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा मापतोल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है
• तीन जग पानी
• एक किलो चीनी
यहाँ रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध मापतोल से है। अब आगे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बाक्स में दिए गए मापतोल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।


तीन ………… खीर
दो ………… जमीन
छह …………… कपड़ा
एक …………….. रेत ।
दो ……………. कॉफी
पाँच …………… बाजरा
एक …………… दूध
तीन ………….. तेल
उत्तर
तीन कटोरी खीर
दो एकड़ ज़मीन
छह मीटर कपड़ा
एक ट्रक रेत
दो प्याला कॉफी
पाँच किलो बाजरा
एक लीटर दूध
तीन चम्मच तेल

कुछ करने को

प्रश्न 1
अपनी लिपि के कुछ अक्षरों के बारे में जानकारी इकट्ठी करो
() जो अब प्रयोग में नहीं रहे।
() प्रचलित नए अक्षर जो अब प्रयोग में आ गए हैं।
उत्तर
अक्षर जो अब प्रयोग में नहीं रहे
() म्र, रव, राा, झ
प्रचलित नए अक्षर
() अ, ख, ण, झ। इसके अतिरिक्त अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में लिखने के लिए
ऑ का प्रयोग होने लगा है।
जैसे-डॉक्टर । और उर्दू के शब्दों के लिए वर्गों के नीचे नुक्ता लगाया जाने लगा है। जैसे-इज्ज़त।

प्रश्न 2.
लिखित और मौखिक भाषा के हानि-लाभ के बारे में दोस्तों के बीच चर्चा करो।
उत्तर
लिखित भाषा लिखी जाती है। यह लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। इसके माध्यम से इतिहास का पता चलता है। ज्ञान का प्रचार-प्रसार भी इसी के द्वारा होता है परंतु इसे सीखने में समय लगता है और इसके लिए एकाग्र होना पड़ता है। फिर भी इसका प्रयोग दैनिक जीवन में बहुत अधिक होता है।

मौखिक भाषा का प्रयोग हम अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। इसे सीखना सरल भी होता है। बच्चा माता-पिता का वार्तालाप सुनकर ही भाषा का प्रयोग करना सीख लेता है परंतु मौखिक भाषा का क्षेत्र सीमित होता है। यह दो व्यक्तियों के बीच भावों को आदान-प्रदान कर सकती है परंतु दो पीढ़ियों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करना, इसके माध्यम से संभव नहीं है। यद्यपि आधुनिक युग में टेपों और सी.डी. के माध्यम से मौखिक भाषा भी संजोकर रखी जाने लगी है।

प्रश्न 3.
अक्षर ध्वनियों (स्वरों और व्यंजनों) के प्रतीक होते हैं। उदाहरण के लिए हिंदी’, ‘उर्दू और ‘बाँग्ला’ आदि शब्दों में प्रत्येक अक्षर के लिए उसकी ध्वनि निर्धारित है। कुछ चित्रों से भी संकेत व्यक्त होते हैं। नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं। उनसे क्या संकेत व्यक्त होते हैं, बताओ।


उत्तर
आगे स्कूल होने तथा धीरे चलें का संकेत है।
सर्किल या गोल चक्कर का संकेत है।
दाएँ मुड़ने का संकेत है।
बाएँ मुड़ने का संकेत है।

प्रश्न 4.
अपने आस-पास के किसी मूक-बधिर बच्चों के स्कूल में जाकर कुछ समय बिताओ और अपने अनुभव लिखो।
उत्तर
छात्र शिक्षक के साथ किसी मूक-बधिर बच्चों के स्कूल की यात्रा करें और अपने अनुभव लिखें।

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