NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें, (हिंदी) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और बिना किसी संदेह के अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

Class 6 Hindi Vasant Chapter 4 चाँद से थोड़ी-सी गप्पें

प्रश्नअभ्यास
( पाठ्यपुस्तक से)

कविता से

प्रश्न 1.
आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि
() चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।
() चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।
तुम किसे सही मानते हो?
उत्तर
(मेरे विचार में सही उत्तर है
() चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।

प्रश्न 2.
कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और उसका कारण भी बताओ।
दिन                                                   कारण
पूर्णिमा                                                  ……………………………..
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच                         ………………………………..
प्रथमा से अष्टमी के बीच                         ………………………………….
उत्तर
दिन – कारण
पूर्णिमा इस दिन चाँद पूरा गोल दिखता है।
अष्टमी से पूर्णिमा के मध्य चाँद का आकार धीरे-धीरे बढ़ते हुए पूर्णता को प्राप्त करता है।
प्रथमा से अष्टमी के मध्य (कृष्ण पक्ष)- चाँद घटता जाता है।
मेरे विचार से कवि ने चाँद से अष्टमी से पूर्णिमा के बीच गप्पें लगाई होंगी।

प्रश्न 3.
नई कविता में तुक या छंद के बदले बिंब का प्रयोग अधिक होता है। बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तसवीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कु ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।
उत्तर
गोल-मटोल     गो-ल-म-टो-ल!
घटते     घ-ट-ते
बढ़ते      तिरछे, कुल-कुल

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कुछ लोग बड़ी जल्दी चिढ़ जाते हैं। यदि चाँद का स्वभाव भी आसानी से चिढ़ जाने का हो तो वह किन बातों से सबसे ज्यादा चिढ़ेगा? चिढ़कर वह उन बातों का क्या जवाब देगा? अपनी कल्पना से चाँद की ओर से दिए गए जवाब लिखो।
उत्तर
यदि चाँद आसानी से चिढ़ने लगे तो वह अपने घटते-बढ़ते रूप से चिढ़ेगा या चाँद पर जो धब्बे दिखाई देते हैं, उनसे चिढ़ेगा और यदि कोई उसे लाल टमाटर जैसा कहेगा इससे वह चिढ़ सकता है। घटने-बढ़ने के आकार को कभी न ठीक होने वाली बीमारी कहे जाने की बात पर चाँद उत्तर देगा, मुझे कोई बीमारी नहीं है। मैं तो एकदम सही हूँ। बीमारी तुमको होगी, तुम्हारे परिवार वालों को होगी। मैं तो अपनी इच्छा से छोटा-बड़ा हो सकता हूँ, तुम तो नहीं।

प्रश्न 2.
यदि कोई सूरज से गप्पें लगाए तो वह क्या लिखेगा? अपनी कल्पना से गद्य या पद्य में लिखो। इसी तरह की कुछ और गप्पें निम्नलिखित में से किसी एक या दो से करके लिखो

पेड़ बिजली का खंभा सड़क पेट्रोल पंप
उत्तर
सूरज के साथ गप्प लगाना

सूरज दादा
आग का गोला
बन कर क्यों फिरते हो?
किसे देख जलते हो इतना
क्यों तुम आग उगलते हो?
गुस्सा इतना क्यों है तुमको
ऐसे हमको मत देखो
पता मुझे है।
जल-जल कर भी तुम
जग को जीवन देते हो।
पर इतना जलना भी क्या कि
जीवन मरण बन जाए
अब थोड़ा पिघलो भी दादा
यह तपन जरा घट जाए।

सड़क के साथ गप्प लगाना
ओ सड़क रानी
घर तुम्हारा कहाँ,
कहाँ से आती हो?
और मुड़कर, घूम कर फिर
कहाँ चली जाती हो?
थकती नहीं क्या तुम कभी
रुकती नहीं हो क्या जरा
यह किस अनंत यात्रा पर
निकल पड़ी हो तुम भला?

भाषा की बात

प्रश्न 1.
चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है। नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि
() कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं।
() इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो
गुलाबी पगड़ी मखमली घास कीमती गहने
ठंडी रात जंगली फूल कश्मीरी भाषा
उत्तर

प्रश्न 2.
• गोल मटोल • गोरा-चिट्टा
कविता में आए शब्दों के इन जोड़ों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफेद है और गोरा से मिलता-जुलता है, जबकि मटोल अपने आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है।
ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।
उत्तर
() उड़ता-फिरता = यह तोता सारे दिन टें-टें करता उड़ता-फिरता रहता है।
() टेढ़ा-मेढ़ा = बच्चे ने एक टेढ़ा-मेढ़ा-चित्र बनाया।
() भूले-बिसरे = आज रेडियो पर भूले-बिसरे गीत प्रसारित किए जा रहे हैं।
() आँधी-पानी = आँधी-पानी में घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।

प्रश्न 3.
‘बिलकुल गोल’-कविता में इसके दो अर्थ हैं
() गोल आकार का
() गायब होना !
ऐसे तीन और शब्द सोचकर, उनसे ऐसे वाक्य बनाओ जिनके दो-दो अर्थ निकलते हों।
उत्तर
() जल = मिर्च खाकर उसका जीभ जल गया और आँखों में जल भर आया। (जलना, पानी)
() हार = वह प्रतियोगिता हार चुकी थी, परंतु उसकी सहदयता देखकर उसे इनाम में होर दिया गया। (पराजय, माला)
() उत्तर = इस प्रश्न का उत्तर पाने के लिए तुम्हें उत्तर दिशा की यात्रा करनी होगी। (जवाब, एक दिशा)

प्रश्न 4.
ताकि, जबकि, चूँकि, हालाँकि-कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते
हुए दो-दो वाक्य बनाओ।
उत्तर
() ताकि = मोहन मन से पढ़ रहा है, ताकि परीक्षा में प्रथम आ सके। मैं सुमन के साथ मंदिर जाता था ताकि हम साथ-साथ पूजा कर सकें।
() जबकि = महेश ने मोहन की मदद की, जबकि दोनों में बातचीत बंद थी। | वह विज्ञान का शिक्षक है जबकि उसका भाई चित्रकार है।
() चूँकि = चूँकि राधा की माँ बीमार है, इसलिए उसे पढ़ाई के साथ घर के काम भी करने पड़ते हैं। चूंकि उसे खाना बनाना था इसलिए वह जल्दी घर चली गई।
() हालाँकि = हालाँकि नेहा पढ़ने में कमजोर है, पर वह बहुत मेहनती है। हालाँकि उसने गाली नहीं दी थी, फिर भी वह पिट गया।

प्रश्न 5.
गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी-क्या इन शब्दों के अर्थों में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।
उत्तर
इन शब्दों के अर्थ में मामूली सा अंतर है।
शब्द                                                     अर्थ
गप्प                                               हल्की-फुल्की बात
गप-शप                                    बातचीत (समय काटने के लिए)
मप्पबाजी                             बातें बनाना, व्यर्थ की बातों में समय बिताना।

कुछ करने को

• पृथ्वी के चारों ओर परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा भी पृथ्वी के साथ-साथ सूर्य का परिभ्रमण करता है। इन्हीं दोनों परिभ्रमणों से वर्ष और मास की गणनाएँ होती हैं। सामान्यतः तीस दिनों के महीने होते हैं जिन्हें चन्द्रमा की वार्षिक गति को बारह महीनों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है। तीस दिनों में पंद्रह-पंद्रह दिनों के दो पक्ष होते हैं। जिन पन्द्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्लपक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उसे कृष्णपक्ष कहते हैं। इसी तरह एक वर्ष के बारह महीनों में छह-छह माह के दो अयन होते हैं। जिन छह महीनों में मौसम का तापमान बढ़ता है, उसे उत्तरायण और जिन छह महीनों में मौसम का तापमान घटता है, उसे दक्षिणायन कहते हैं। संवत् के बारह महीनों के नाम इस प्रकार हैं-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।
• अंग्रेजी कैलेंडर की वार्षिक गणना सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की अवधि के अनुसार तीन सौ पैंसठ दिनों की होती है। इसके महीनों की गणना पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा के परिभ्रमण पर आधारित नहीं है। इसमें वर्ष के तीन सौ पैंसठ दिनों को ही बारह महीनों में विभाजित किया गया है। इस कैलेंडर के सभी महीने तीस-तीस दिन के नहीं होते। अप्रैल, नवंबर, जून, सितंबर-इनके हैं दिन तीस। फरवरी है अट्ठाइस दिन की, बाकी सब इकत्तीस।
• नीचे दो प्रकार के कैलेंडर दिए गए हैं। इन्हें देखो और प्रश्नों के उत्तर दो।

(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से किस कैलेंडर में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?
(ख) दिए गए दोनों कैलेंडरों के अंतर स्पष्ट करो।
(ग) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष का क्या अर्थ होता है?
उत्तर
(क) ऊपर दिए गए कैलेंडरों में से पहले कैलेंडर संवत् २०६३ में चंद्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं।
(ख) पहले कैलेंडर में संवत् २०६३ के मार्गशीर्ष महीने की तिथि को दर्शाया गया है। जबकि दूसरे कैलेंडर में सन् 2006 के नवंबर और दिसंबर महीने की तारीखें लिखी हुई हैं। पहले कैलेंडर में महीने को कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में बाँटा गया है, जबकि दूसरे महीने में ऐसा नहीं है।
(ग) जिन पंद्रह दिनों में चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूर्णिमा तक पहुँचता है, उसे शुक्ल पक्ष और जिन पंद्रह दिनों में चद्रमा घटते-घटते अमावस्या तक जाता है, उस कृष्ण पक्ष कहते हैं।

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