Class 10 Hindi A Term 2 Sample Paper 2022 (Solved)

Hindi A Term 2 Sample Paper 2022 (Solved)

Class 10 Hindi A Term 2 Sample Paper 2022, (Hindi) exams are Students are taught thru NCERT books in some of the state board and CBSE Schools. As the chapter involves an end, there is an exercise provided to assist students to prepare for evaluation. Students need to clear up those exercises very well because the questions inside the very last asked from those.

Sometimes, students get stuck inside the exercises and are not able to clear up all of the questions. To assist students, solve all of the questions, and maintain their studies without a doubt, we have provided a step-by-step NCERT Sample Question Papers for the students for all classes. These answers will similarly help students in scoring better marks with the assist of properly illustrated Notes as a way to similarly assist the students and answer the questions right.

Class 10 Hindi A Term 2 Sample Paper 2022

सामान्य निर्देश :

( i ) प्रश्न – पत्र में दो खण्ड है – खण्ड ‘ क और ‘ ख ‘

( ii ) सभी प्रश्न अनिवार्य है , यथासंभव सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमानुसार ही लिखिए ।

( iii ) लेखन कार्य में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखिए ।

( iv ) खंड ‘ क ‘ में कुल 3 प्रश्न हैं दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए इनके उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

( v ) खण्ड ‘ ख ‘ में कुल 4 प्रश्न है , सभी प्रश्नों के साथ विकल्प भी दिए गए हैं । निर्देशानुसार विकल्प का ध्यान रखते हुए चारों प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

 

खण्ड ‘ क ‘

( पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक )

[ 20 अंक ]

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए ।             [ 2 x 4 = 8 ]

( क ) मानवीय करुणा की दिव्य चमक – विशेषण फादर की किन विशेषताओं की ओर संकेत करता है ?

( ख ) नवाव साहब ने खीरा खरीदने के बाद भी उसे नहीं खाया । इसके पीछे क्या कारण रहा होगा ?

( ग ) अपने खीरे खाने के ढंग से नवाब साहब क्या दर्शाना चाहते थे ?

( घ ) फादर बुल्के को किस आधार पर भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग कहा गया है ?

2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए ।            [ 2 x 3 = 6 ]

( क ) ‘ कन्यादान ‘ कविता के आधार पर माँ के जीवन की विशेषताएँ लिखिए ।

( ख ) सामाजिक क्रांति लाने में साहित्य अहम भूमिका निभाता है – इस कथन की पुष्टि ‘ उत्साह ‘ कविता के आधार पर कीजिए ।

( ग ) वस्त्रों और आभूषणों को स्त्री जीवन का बंधन क्यों कहा गया है ? ‘ कन्यादान ‘ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ?

( घ ) ‘ पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की ’ – पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ? ‘ कन्यादान ‘ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए ।              [ 3 x 2 = 6 ]

( क ) ‘ साना – साना हाथ जोड़ी ‘ पाठ में लेखिका ने हिमालय का किन – किन रूपों में वर्णन किया है ?

( ख ) अतिथि सत्कार भारतीय संस्कृति का मूल तत्व रहा है । ‘ जॉर्ज पंचम की नाक ‘ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

( ग ) आधुनिक जीवन में व्यस्त माता – पिता अपने बच्चों के निकट नहीं होते । इसका बच्चों पर प्रभाव स्पष्ट कीजिए । ‘ माता का आँचल ‘ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।

 

खण्ड ‘ ख ‘

( रचनात्मक लेखन )

[ 20 अंक ]

4. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए । संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए ।

( क ) कोविड 19 और जीवन

संकेत बिन्दु :- ● कोविड का परिचय

● हानि

● जीवन का बदला हुआ स्वरूप

( ख ) पश्चिम का आकर्षण

संकेत बिन्दु :- ● पश्चिम की चमक – दमक

● आकर्षण के कारण

● उपाय ।

( ग ) इण्टरनेट और उसके प्रभाव

संकेत बिन्दु :- ● इण्टरनेट क्या है ?

● मानव मन पर प्रभाव

● सुझाव ।             5

5. अपने मित्र को लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखकर बताइए कि महानगरीय जीवन दुखद भी है और सुखद भी ।

अथवा

प्लास्टिक की चीज़ों से हो रही हानि के बारे में किसी समाचार पत्र के सम्पादक को पत्र लिखकर अपने सुझाव दीजिए ।       5

6. ( क ) सर्दी की आयुर्वेदिक दवा शीतोधारा का विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए ।

अथवा

किसी दर्दनिवारक तेल के लिए 25-50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए ।              2.5

( ख ) रिया मिष्ठान्न भंडार के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए ।

अथवा

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी के लिए एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए ।          2.5

7. ( क ) आने वाले चुनाव में मतदान करने की सलाह देते हुए एक सार्वजनिक सन्देश 30-40 शब्दों में लिखिए ।

अथवा

अपने मित्रों के लिए पर्यावरण संरक्षण हेतु लगभग 30-40 शब्दों में सन्देश लिखिए ।            2.5

( ख ) आपकी माँ की अनुपस्थिति में आपकी चाचीजी घर आई थीं । उन्हें आपकी माँ से कोई काम है । इसकी सूचना देते हुए माँ के नाम संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए ।

अथवा

एक पिता का अपने पुत्र को परीक्षा देने से पूर्व प्रेरक संदेश लगभग 40 शब्दों में लिखिए ।          2.5

 

Solution of Sample Paper

 

खण्ड ‘ क ‘

1. ( क ) फादर बुल्के मानवता की सजीव प्रतिमा थे । पाठ में उनके लिए मानवीय करुणा की दिव्य चमक विशेषण उनके वात्सल्य , ममता , करुणा , प्रेम तथा सांत्वना जैसी विशेषताओं की ओर संकेत करता है ।

( ख ) नवाब साहब ने खीरा सफ़र काटने के उद्देश्य से खरीदा होगा परन्तु जब उन्होंने अपने सामने ही शहर के एक अन्य भद्र व्यक्ति को देख लिया तो उन्होंने यह सोचकर खीरा नहीं खाया होगा कि खीरे जैसी अपदार्थ वस्तु को खाते देखकर इस व्यक्ति की नज़रों में उनका सम्मान कम हो जाएगा ।

( ग ) नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा , नमक – मिर्च लगाया और उसे सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया । ऐसा करके वे अपनी खानदानी रईसी का परिचय देना चाहते थे । यह उनके अभिमान से युक्त स्वभाव की ओर इंगित करता है ।

( घ ) भारत में आकर फादर बुल्के ने दो साल धर्माचार की पढ़ाई की । कलकत्ता से बी.ए. और इलाहाबाद से एम.ए. करने के पश्चात् रामकथा उत्पत्ति और विकास ‘ विषय पर शोध किया और रांची में हिन्दी और संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष रहे । उनका हिन्दी से विशेष लगाव था और वे हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखना चाहते थे । ये सभी तथ्य उनके हिन्दी प्रेम को प्रकट करते हैं ।

2. ( क ) ‘ कन्यादान ‘ कविता की माँ एक सजग और अनुभवशील माँ है । वह अपनी बेटी को नारी सशक्तिकरण की शिक्षा देती है । वह अपनी बेटी को सीख देती है कि उसे आभूषणों और वस्त्रों के मिथ्या सौन्दर्य की ओर ध्यान नहीं देना चाहिए । वह अपने अन्दर ऐसा साहस उत्पन्न करे जिससे वह अपने ऊपर होने वाले अन्याय और अत्याचार का विरोध कर सके । उसे अपने अधिकारों के प्रति सजग रहे ।

( ख ) ‘ उत्साह ‘ कविता में कवि ने समाज में क्रांति लाने के लिए बादलों से गरजने का अनुरोध किया है । उन्होंने नूतन कविता लिखने वाले कवियों का आह्वान करते ए कहा है कि वे अपनी कविता के माध्यम से समाज में विध्वंस विप्लव और क्रांति के स्वर भर दें । अतः स्पष्ट है कि सामाजिक क्रांति लाने में साहित्य की अहम भूमिका है ।

( ग ) वस्त्र और आभूषण स्त्री की सुन्दरता को बढ़ाने वाले होते हैं । स्त्री की सुन्दरता और कोमलता को देखकर समाज स्त्री के लिए आचरण के प्रतिमान गढ़ लेता है । वस्त्र और आभूषण ही स्त्री को पुरुष से अलग करते हैं और उसे कोमल स्वरूप प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें स्त्री जीवन का बंधन कहा गया है ।

( घ ) पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की ‘ – पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि लड़की को उसके आने वाले वैवाहिक जीवन का धुँधला – सा अहसास था , परन्तु वह उस जीवन की वास्तविकता से अनभिज्ञ थी । ससुराल उसके लिए केवल सुखमय कल्पना थी । उसका अपरिपक्व मन किसी के भी मनोभावों को समझने में सक्षम नहीं था । वह केवल सुख की कल्पना कर रही थी उसमें छिपे हुए दुःख से वह अन्जान थी ।

3. ( क ) पाठ में लेखिका ने हिमालय को विभिन्न रूपों में चित्रित किया है । यूमथांग से ऊँचाई पर चढ़ते हुए छोटी – छोटी पहाड़ियों के रूप में दिखाई देने वाला हिमालय लेखिका को अपने विराट रूप और वैभव के साथ चमकता दिखाई दिया । लेखिका ने हिमालय को पल – पल परिवर्तित होते हुए देखा । उन्हें वह नगपति लगा । हिमालय पर बिखरा हुआ सौन्दर्य लेखिका को आत्मिक सुख दे रहा था । कहीं हिमालय हल्का पीलापन लिए हुए तो कहीं प्लास्टर उखड़ी हुई दीवार की तरह पथरीला तो कहीं बादलों से अटा हुआ था । प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित हिमालय लेखिका को कविता के साथ – साथ नवीन जीवन दर्शन देने वाला लगा । लेखिका ने उसे स्वप्न चेतना को जगाने वाला माना है ।

( ख ) भारतीय संस्कृति में अतिथि को देवता का स्वरूप माना गया है । अतः यहाँ आने वाले प्रत्येक अतिथि का स्वागत बड़ी ही गर्मजोशी से किया किया जाता है । हमें अतिथियों के साथ हमेशा सहयोग और सौहाद्रपूर्ण व्यवहार करना चाहिए ताकि उन्हें यहाँ आकर घर जैसा माहौल मिले । जैसा व्यवहार हम अपने लिए चाहते हैं वैसा ही व्यवहार हमें अतिथियों के साथ करना चाहिए । अतिथियों के साथ हमें सम्मानित व्यवहार करना चाहिए जिससे दूसरे देशों में भी हमारी संस्कृति का गुणगान हो ।

( ग ) बचपन में माता – पिता का सान्निध्य न मिलने वाला बच्चा एकाकी हो जाता है । वह किसी से मिलना – जुलना पसंद नहीं करता और चिडचिड़ा और अनुशासनहीन हो जाता है । अपने व्यस्त जीवन में वे अपने बच्चे के लिए समय नहीं निकाल पाते इसका दुष्प्रभाव बच्चे की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है । शाम को अपने माता – पिता से मिलने पर उनके लाड़ – दुलार में उनकी अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलता है । ऐसे बच्चे अपने विद्यालय और अपने पड़ोस में अपना सामंजस्य नहीं बिठा पाते । इस कारण उनका जीवन कठिन हो जाता है । अतः बच्चों के विकास में माता – पिता की निकटता का होना आवश्यक है ।

 

खण्ड – ‘ ख ‘

4. ( क ) इस दुनिया की गति को समाप्त के लिए समय – समय पर अनेक प्रकार की महामारियों ने कोशिश की है । कोविड- 19 ने तो भयंकर राक्षसी की तरह इस दुनिया को खाना शुरू कर ही दिया था लेकिन दुनिया ने एकजुट होकर जीवन की गति को बनाए रखने के लिए नए – नए रास्ते खोज निकाले । विश्व के सभी देशों ने एक साथ मिलकर इसका मुकाबला कर विश्व बंधुत्व को फिर सार्थक किया है । लोगों ने अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर अनमोल प्रकृति के महत्व को पहचाना है , प्रकृति के साथ हो रहे अन्याय को भी स्वीकारा है । सबने कोविड – 19 के कारण ही रिश्तों के महत्व को दोबारा समझा है , एक – दूसरे की मदद की है । एक समय तो ऐसा लगा कि हमारी जिंदगी यहीं थम जाएगी लेकिन हम लड़ते हुए फिर खड़े हुए हैं । हमने जीवन जीने और काम करने के तरीके बदल दिया है । आज हम घर में बैठकर ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से पढ़ते – पढाते हैं , बड़ी – बड़ी बैठक करते हैं । आज हम हाथ मिलाने की जगह नमस्ते से अभिवादन करते हैं , स्वास्थ्य और साफ सफाई का अधिक ख्याल रखते हैं और फेस मास्क आज पहनावे का आवश्यक अंग है । विश्व भर में घर से ही काम करने का प्रचलन बढ़ा है लोगों में घर में रहकर नई – नई चीजें सीखने की इच्छा जगी है । उन्हें घर को अच्छी तरह जानने का मौका मिला है । जो लोग कंप्यूटर या मोबाइल चलाना तक नहीं जानते थे , आज वे उनका सही इस्तेमाल कर रहे हैं । वे डिजिटल हो गए हैं । यह सब कुछ अपने आप नहीं हुआ है बल्कि कोविड -19 की भयंकरता ने जहाँ हमें डराया है , वहीं खुद को और दुनिया को बदलने के लिए प्रेरित भी किया है । उसने दुनिया को और बेहतर बनाने के लिए रास्ता दिखाया है ।

( ख ) एक पुरानी सूक्ति है – दूर के ढोल सुहावने । यह बात आज के सन्दर्भ में भी उतनी ही सही है । वर्तमान समय में लोगों का पश्चिम की ओर आकर्षण निरन्तर बढ़ता जा रहा है । पश्चिमी जगत की चकाचौंध हमे आकर्षित करती है । वहाँ का रहन – सहन , खान – पान , स्वच्छता एवं सुविधाओं से भरपूर जीवन हमें लुभाता है । पाश्चात्य जगत के प्रति हमारे आकर्षण के पीछे अनेक कारण निहित हैं ।

पश्चिमी देश सम्पन्न हैं । वहाँ के निवासियों को रहने – सहने और कार्य करने की बेहतर सुविधायें उपलब्ध हैं । उनका जीवन स्तर हमसे कहीं बेहतर है , जबकि भारत 70 साल के उपरांत भी सभी को आवास , भोजन , वस्त्र और चिकित्सा जैसी मूलभूत आवश्यकतायें पूरी नहीं कर पाया है । पश्चिमी देशों में समृद्धि है , वे विकसित हैं तथा वहाँ विज्ञान के नवीनतम उपकरण उपलब्ध हैं , वहाँ काम की कद्र है । इसलिए भारत के प्रतिभावान डॉक्टर , इंजीनियर आई . टी . क्षेत्र के विशेषज्ञ वहाँ जाकर बसने की आकांक्षा मन में पाले रहते हैं । यह एक प्रकार का प्रतिभा पलायन है । जब तक हमारा देश सुविधायें नहीं दे पाता , तब तक उनके लिए पश्चिमी देशों का आकर्षण बना रहेगा । इस प्रतिभा पलायन को रोकना मुश्किल बना रहेगा । न केवल उच्च शिक्षित लोगों के ही कदम पश्चिमी देशों की ओर बढ़ रहे हैं , अपितु छोटे – मोटे कामगार भी वहाँ जाकर काम करना चाहते हैं । वहाँ इनकी आवश्यकता है तथा छोटे कामगारों का सम्मान भी है । वहाँ उन्हें काम के बदले भरपूर वेतन मिलता है । कुछ कुशल उद्योगपतियों ने पश्चिमी देशों में अपना उद्योग भी जमा लिया है ।

अपने नागरिकों को इस पश्चिमी सभ्यता के आकर्षण से बचाने के लिए भारत को भी विकास की प्रक्रिया में तेजी से आगे बढ़ना होगा । पिछले 34 वर्षों में भारत निरन्तर विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है ।

( ग ) कम्प्यूटर और इण्टरनेट के सहयोग से आज का मानव विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है । आज की सूचना प्रौद्योगिकी कम्प्यूटर और इण्टरनेट पर आधारित है । अब दफ्तरों में फाइलों का ढेर रखने की आवश्यकता नहीं रह गई है , इसके लिए एक छोटी – सी फ्लॉपी ही पर्याप्त है । अब संदर्भ ग्रन्थों से भरी आलमारियों की आवश्यकता नहीं है । कहीं की टिकट बुक करानी हो , कोई बिल जमा करवाना हो , बैंक से लेन – देन करना हो अथवा मनचाही सूचना पानी हो तो इण्टरनेट का सहारा लेना ही काफी होता है । यह मात्र तकनीक होते हुए भी जीवन्त शक्ति , मित्र व सहयोगी प्रतीत होती है । हम इसके माध्यम से सूचना , मनोरंजन , ज्ञान और व्यक्तिगत तथा सामाजिक विचारों का आदान – प्रदान कर सकते हैं । अब इण्टरनेट पत्रकारिता का युग है । इण्टरनेट का प्रयोग खबरों के सम्प्रेषण के लिए किया जा रहा है । इण्टरनेट ने शोध का काम बहुत आसान कर दिया है ।

इण्टरनेट का ‘ ब्राउजर ‘ वह औजार है जिसके जरिए हम विश्वव्यापी जाल में गोते लगा सकते हैं । इण्टरनेट के जहाँ अनेक लाभ हैं , वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने में आ रहे हैं । इण्टरनेट अश्लीलता दुष्प्रचार और गन्दगी फैलाने का माध्यम बनता जा रहा है , किन्तु यह कमी उस तकनीक की नहीं अपितु मानव मस्तिष्क की है जो उसका दुरुपयोग कर रहा है ।

इण्टरनेट जनसंचार का सबसे नया तथा लोकप्रिय माध्यम है । यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिण्ट मीडिया , टेलीविजन , पुस्तक , सिनेमा तथा पुस्तकालय के सभी गुण विद्यमान हैं । इसकी पहुँच दुनिया के कोने – कोने तक है । यह अनेक माध्यमों का संगम है । इण्टरनेट पर बैठकर आप देश – विदेश में वार्तालाप कर सकते हैं , मन के मुताबिक ब्लॉग बना सकते हैं । इसकी सहायता से किसी भी वार्ता में भाग लिया जा सकता है । व्हाट्सएप , फेसबुक , ट्विटर आदि ने परस्पर सम्पर्कों को नया आयाम दिया है । यह एक अंतर क्रियात्मक माध्यम है । हम मूक दर्शक बनकर नहीं बैठते , अपितु बहस के सूत्रधार हो सकते हैं ।

5. 267 , मॉडर्न नगर

मुंबई

दिनांक : 24 अक्टूबर 20XX

प्रिय मित्र

मधुर स्नेह

मैं यहाँ ठीक हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी सपरिवार सकुशल होगे । काफी दिनों से तुमसे कोई बात भी नहीं हुई और न ही तुम्हारा कोई पत्र मिला । मुझे चिंता हो रही थी इसलिए मैंने तुम्हें आज पत्र लिखने का निश्चय किया । मित्र , आज मैं तुम्हें मुंबई के जीवन से अवगत कराता हूँ । मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है और भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है क्योंकि जलमार्ग या वायुमार्ग से आने वाले विभिन्न देशों के यात्री सबसे पहले यहीं आते हैं । भिन्न – भिन्न संस्कृति के लोग यहाँ आते हैं और यहाँ के विभिन्न ऐतिहासिक इमारतों का लुत्फ़ उठाते हैं । यहाँ की चौड़ी सड़कें , गगनचुम्बी इमारतें दर्शकों का मन मोह लेती हैं । यहाँ का बॉलीवुड तो संसार भर में लोकप्रिय हैं । शिक्षा , रोज़गार और चिकित्सा के विभिन्न आयाम यहाँ विमान हैं ।

महानगर का एक दूसरा रूप भी है । घंटों यहाँ यातायात जाम रहता है । यहाँ आवास की भी समस्या है । लोगों को रहने के लिए आसानी से घर उपलब्ध नहीं होते । यहाँ निर्धन व्यक्ति का गुज़ारा बड़ी ही कठिनता से होता है । आशा है कि तुम महानगरीय जीवन के दोनों पहलुओं से परिचित हो गए होगे । शेष कुशल है ।

चाचाजी और चाचीजी को मेरा प्रणाम कहना ।

तुम्हारा प्रिय मित्र

क.ख.ग.

अथवा

सम्पादक महोदय ,

नव निर्माण समाचार – पत्र

नई दिल्ली ।

दिनांक : 31 जनवरी , 20XX

विषय – प्लास्टिक की चीजों की हानियाँ एवं उसे रोकने हेतु सुझाव |

महोदय ,

मैं नव निर्माण समाचार पत्र की एक नियमित पाठिका रही हूँ । आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से मैं प्लास्टिक की चीज़ों से हो रही हानि के बारे में लोगों को सावधान करना चाहती हूँ । आशा है आप जनहित में मेरा पत्र अवश्य प्रकाशित करेंगे ।

प्लास्टिक कभी भी मूल रूप को नहीं छोड़ता । वह अपघटित होकर ज़हरीली गैसें छोड़ता है । यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है । प्लास्टिक की थैलियाँ नालियों को अवरुद्ध कर देती हैं । इसे पशु खा जाते हैं तथा उनके लिए यह अत्यधिक हानिकारक सिद्ध होती है । प्लास्टिक भूमि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है । पर्वतीय स्थलों पर भी प्लास्टिक के अवशेष जमा होते जा रहे हैं । सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर

प्रतिबंध लगा दिया है . पर उसका असर तभी नजर आएगा जब जनता इसमें सहयोग देगी केवल योजनाये बनना पर्याप्त नहीं हो सकता हम सबको मिलकर इसे सफल बनाना है ।

भवदीया

क ख ग

संयोजिका , स्वच्छ भारत अभियान , नई दिल्ली ।

6. ( क )

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अथवा

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( ख )

अथवा

7. ( क )

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अथवा

( ख )

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अथवा

A screenshot of a computer

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