NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे-ऐसे

Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे-ऐसे

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे-ऐसे, (हिंदी) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और बिना किसी संदेह के अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसेऐसे

Class 6 Hindi Vasant Chapter 8 ऐसे-ऐसे

प्रश्नअभ्यास
( पाठ्यपुस्तक से)

एकांकी से

प्रश्न 1.
सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक को दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है उस पर एक फोन रखा है। इस बैठक की पूरी तसवीर बनाओ।
उत्तर
छात्र दिए गए विवरण के आधार पर स्वयं तसवीर बनाने का प्रयास करें।

प्रश्न 2.
माँ मोहन के ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?
उत्तर
मोहन के पेट में दर्द था। वह रह-रह कर कराहता था और बेचैनी में करवटें बदलता था। पूछने पर वह बस यही कहता था कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। माँ समझ नहीं पा रही थी कि आखिर यह बीमारी कौन-सी है। उन्हें मोहन के चेहरे का रंग उड़ा हुआ-सा लगता था। यही कारण है कि वह मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर घबरा रही थी।

प्रश्न 3.
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते | हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।
उत्तर
ऐसे कई बहाने हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं। जैसे-पेट दर्द, सिर दर्द या बुखार का बहाना, माँ की बीमारी, पिताजी के शहर से बाहर गए होने का बहाना, बस छूट जाने का बहाना इत्यादि।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ‘ऐसे-ऐसे होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?
उत्तर
यदि कभी सचमुच दर्द हो जाए और लोग उसकी बातों पर विश्वास न करें, तब जाकर मोहन को पता चलेगा कि झूठ बोलने से क्या नुकसान होता है। उसे अपनी आदत | पर पछतावा होगा और संभवतः वह भविष्य में कभी झूठ बोलने से तौबा कर ले।

प्रश्न 2.
पाठ में आए वाक्य- ‘लोचा-लोचा फिरे है’ के बदले ‘ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमज़ोर हो गया है’-लिखा जा सकता है लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं। जैसे

– इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,
– राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
– तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।

• अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है?
उत्तर
आजकल इतनी नई-नई बीमारियाँ निकली हैं।
इन बीमारियों ने परेशान कर दिया है।
तुम तो बहुत चालाक हो।

प्रश्न 3.
मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।
उत्तर
मैं-अरे मोहन! तुम्हारी कैसी तबीयत है?
मोहन–मेरे पेट में बहुत दर्द है।
मैं—तुमने कल क्या खाया था?
मोहन-कल तो मैंने कुछ भी नहीं खाया।
मैं-ऐसे कैसे? मोहन-बस ऐसे-ऐसे।
मैं-जब कुछ नहीं खाया तो दर्द कैसे हो गया?
मोहन-पता नहीं कैसे हो गया।
मैं-किसी डॉक्टर को दिखाया
मोहन-हाँ, डॉक्टर को दिखाया है, वे दवाई दे गए हैं, चलो अच्छी है जल्दी ठीक हो जाओगे।

प्रश्न 4.
संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।
उत्तर
संकट के समय के लिए पुलिस स्टेशन का नंबर 100, फायर ब्रिगेड का नंबर 101, तथा एंबुलेंस बुलाने का नंबर 102 याद रखना चाहिए। यदि कहीं कोई दुर्घटना, चोरी या मार-पीट हो जाए तो पुलिस स्टेशन का 100 नंबर डायल करके घटना की सूचना देते हुए उस स्थान का पता देना चाहिए और शीघ्र आने का निवेदन करना चाहिए। इसी प्रकार आग लग जाने पर फायर ब्रिगेड का 101 नंबर और किसी के अचानक बीमार पड़ जाने पर शीघ्र इलाज के लिए एंबुलेंस बुलाने हेतु 102 नंबर डायल कर घटना की जानकारी देते हुए उस स्थान का पता जरूर बता देना चाहिए, जहाँ उनकी जरूरत है। छात्र कक्षा में करके बताएँ कि ये सारी बातें फोन पर कैसे करेंगे।

ऐसा होता तो क्या होता

मास्टर- ” स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?
(मोहन हाँ में सिर हिलता है।)
मोहन-जी, सब काम पूरा कर लिया है।
• इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता ? लिखो।
उत्तर
ऐसी स्थिति में मास्टर जी समझ जाते कि मोहन बहाना नहीं कर रहा है। उसके पेट में सचमुच दर्द है। वह मोहन के माता-पिता को उसका ठीक तरह से इलाज कराने की सलाह देते।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
() मोहन ने केला और संतरा खाया।
() मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।
() मोहन ने क्या खाया?
() मोहन केला और संतरा खाओ।
• उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है।) तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। आगे एक वाक्य दिया गया है।

इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो
बताना : रुथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
उत्तर
बताना – रूथ ने कपड़े अलमारी में रखे।
नहीं/मना करना – रूथ ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।
आदेश देना – रूथ! कपड़े अलमारी में रख दो।

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