NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी

Class 6 Hindi Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी, (हिंदी) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और बिना किसी संदेह के अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी

Class 6 Hindi Vasant Chapter 10 झाँसी की रानी

प्रश्नअभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

कविता से

प्रश्न 1.
‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई’
() इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?
() काली घटा घिरने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर
(
) इस पंक्ति में रानी लक्ष्मीबाई के पति झाँसी के राजा गंगाधर राव की मृत्यु की घटना की ओर संकेत है।
() राजा जी की मृत्यु से रानी के जीवन की खुशियों का अंत हो गया। उनके जीवन में दुख का अंधकार छा गया। इसलिए काली घटा घिरने की बात कही गई है।

प्रश्न 2.
कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बुढ़ा” कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं? ।
उत्तर
इन शब्दों के प्रयोग द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान यह कहना चाहती हैं कि वर्षों की गुलामी ने भारत को किसी वृद्ध की भाँति जर्जर एवं निस्तेज कर दिया था लेकिन सन् सत्तावन की क्रांति भारत वर्ष में एक नयी जवानी और नया जोश लेकर आई। भारतवासियों में स्वतंत्रता प्राप्त करने की एक नयी उमंग दिखने लगी थी।

प्रश्न 3.
झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था।
उत्तर
रानी लक्ष्मीबाई अपने पिता की इकलौती संतान थी। नाना धुंधूपंत पेशवा उनके मुँह बोले भाई थे। बचपन से ही वह उनके साथ पढ़ी और खेली थी। रानी लक्ष्मीबाई का विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हुआ परंतु विवाह के कुछ ही समय बाद राजा जी का निधन हो गया। रानी की कोई संतान नहीं थी। झाँसी को लावारिस समझ कर लॉर्ड डलहौजी ने अपनी सेना भेजकर दुर्ग पर अपना झंडा फहरा दिया। रानी यह सब देखकर क्रोधित हो गई। उन्होंने युद्ध का ऐलान कर दिया और किसी वीर पुरुष की भाँति रणक्षेत्र में जा डटी। लेफ्टिनेंट वॉकर को उन्होंने परास्त किया। वह जख्मी होकर भाग गया। रानी सौ मील लगातार घोड़ा दौड़ाते हुए कालपी पहुँची। उनका घोड़ा थककर मर गया।

यमुना किनारे उन्होंने फिर से अंग्रेजों को हराया और ग्वालियर पर अधिकार कर लिया। अंग्रेजों का मित्र सिंधिया राजधानी छोड़कर भाग खड़ा हुआ।. अंग्रेजों की सेना ने फिर से रानी को घेर लिया। इस बार जनरल स्मिथ सामने था। रानी ने उसे भी हराया। रानी के साथ उनकी सखियाँ काना और मंदरा थीं। उन्होंने युद्ध क्षेत्र में भारी तबाही मचाई थी। जनरल स्मिथ को रानी ने परास्त किया ही था कि पीछे से यूरोज ने आकर उन्हें घेर लिया। रानी फिर भी दुश्मनों से लड़ती हुई उनकी सेना को पार कर निकल गई लेकिन तभी सामने एक नाला आ गया। रानी का नया घोड़ा नाले को पार करने से हिचक रहा था और वह वहीं रुक गया। इतने में अंग्रेज घुड़सवार वहाँ पहुँच गए। अकेली रानी और इतने दुश्मन। वार पर वार होने लगे और आखिरकार घायल होकर रानी लक्ष्मीबाई गिर पड़ी और वीरगति को प्राप्त हो गयी। झाँसी की रानी का बचपन हमारे बचपन से बहुत अलग था। बचपन से ही उन्होंने तलवार चलाना सीखा था। बरछी, ढाल और कटारी से ही उनकी दोस्ती थी। उन्हें वीर शिवाजी की कहानियाँ जुबानी याद थीं।

नकली युद्ध करना, दुश्मन को घेरने के तरीके ढूँढ़ना, शिकार खेलना, किले तोड़ना-उनके प्रिय खेल थे। वह महाराष्ट्र की कुल देवी दुर्गा भवानी की पूजा किया करती थी। वीरता उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी। उनकी तलवारों के वार देखकर मराठे खुश हुआ करते थे। हमारे बचपन में ऐसी कोई खासियत नहीं है।

प्रश्न 4.
वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।
उत्तर
वीर महिला की इस कहानी में कई पुरुषों के नाम आए हैं। जैसे-वीर शिवाजी, नाना धुंधूपंत पेशवा, ताँतिया, चतुर अजीमुल्ला, अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह। इतिहास की कुछ वीर स्त्रियाँ हैं-कित्तूर की रानी चेन्नमा, रजिया सुल्तान, हाड़ा रानी, चित्तौड़ की रानी पद्मिनी, पन्नाधाय। छात्र इनकी कहानियाँ खोज कर पढ़ें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कविता में किस दौर की बात है? कविता से उस समय के माहौल के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर
कविता में सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय की बात है। उस समय अंग्रेजों ने देश की विभिन्न रियासतों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया था। आम जनता पर उनका अत्याचार बढ़ता जा रहा था। राजाओं और नवाबों की मान मर्यादा को उन्होंने मिट्टी में मिला दिया था। इन कारणों से देशवासियों में उनके विरुद्ध आक्रोश व्याप्त हो गया था और क्रांति की लहर फूट पड़ी थी।

प्रश्न 2.
सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ क्यों कहती हैं?
उत्तर
वीरता, साहस, हिम्मत, ताकत, युद्ध कौशल, घुड़सवारी, तलवारबाजी-ये सब मर्दो के गुण स्वभाव और कार्य माने जाते हैं। इतिहास में संभवतः पहली बार एक स्त्री इन गुणों और स्वभाव के साथ अवतरित हुई और उसने जमकर दुश्मनों से लोहा लिया और उनके दाँत खट्टे किए। यही कारण है कि सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को
‘मर्दानी’ कहती हैं।

खोजबीन

प्रश्न 1.
‘बरछी’, ‘कृपाण’, ‘कटारी’ उस ज़माने के हथियार थे। आजकल के हथियारों के नाम पता करो।
उत्तर
आजकल के हथियार हैं-बंदूक, मशीनगन, ए.के. 47, ए.के. 56, राइफल, पिस्तौल, टैंक, एटम बम, तोप, मिसाइलें आदि।

प्रश्न 2.
लक्ष्मीबाई के समय में ज्यादा लड़कियाँ ‘वीरांगना’ नहीं हुई क्योंकि लड़ना उनका काम नहीं माना जाता था। भारतीय सेनाओं में अब क्या स्थिति है? पता करो।
उत्तर
लक्ष्मीबाई के समय की तुलना में आजकल लड़कियाँ बड़ी संख्या में भारतीय सेना का हिस्सा हैं। यद्यपि आज के समय को देखते हुए यह स्थिति संतोषजनक नहीं कही जा सकती, फिर भी उस समय की तुलना में यह बेहतर है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे लिखे वाक्यांशों (वाक्य के हिस्सों) को पढो

झाँसी की रानी
मिट्टी का घरौंदा
प्रेमचंद की कहानी
पेड़ की छाया
ढाक के तीन पात
नहाने का साबुन
मील का पत्थर
रेशमा के बच्चे।
बनारस के आम

• का, के और की दो संज्ञाओं का संबंध बताते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में अलग-अलग जगह इन तीनों का प्रयोग हुआ है। ध्यान से पढ़ो और कक्षा में
बताओ कि का, के और की का प्रयोग कहाँ और क्यों हो रहा है? ।
उत्तर
का, के और की संबंध कारक के चिह्न हैं। इन्हें परसर्ग भी कहते हैं। इनका प्रयोग संबंधी संज्ञा के अनुसार होता है। स्त्रीलिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘की’ पुल्लिग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘का’ और बहुवचन पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘के’ का प्रयोग होता

  • झाँसी की रानी-रानी स्त्रीलिंग है, इसलिए उसके पूर्व ‘की लगा है।
  • पेड़ की छाया-छाया स्त्रीलिंग है, अतएव उसके पूर्व ‘की’ लगा है।
  • मील का पत्थर–पत्थर पुल्लिग है और एकवचन है, इसलिए उससे पहले ‘का’ का । प्रयोग है।
  • मिट्टी का घरौंदा-घरौंदा एकवचन पुल्लिग है, इसलिए उसके पहले ‘का’ प्रयुक्त है।
  • ढाक के तीन पात-पात पुल्लिग है और बहुवचन है, अतः उसके पूर्व ‘के’ का प्रयोग हुआ है।
  • रेशमा के बच्चे-बच्चे पुल्लिग बहुवचन है, तो उनके पहले ‘के’ लगा है।
  • प्रेमचंद की कहानी-कहानी स्त्रीलिंग है, इसलिए उसके पहले ‘की’ का प्रयोग है।
  • नहाने का साबुन-साबुन पुल्लिंग एकवचन है, अतएव उसके पहले ‘का’ का प्रयोग हुआ है।
  • बनारस के आम-आम पुल्लिग बहुवचन है, अतः उसके पहले ‘के’ प्रयुक्त है।

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