NCERT Solutions For Class 11 Hindi Aroh Chapter 13 पथिक

Class 11 Hindi Aroh Chapter 13 पथिक

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 13 पथिक (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है । के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं । छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

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Class 11 Hindi Aroh Chapter 13 पथिक

अभ्यास

पृष्ठ संख्या: 143

कविता के साथ

1. पथिक का मन कहाँ विचरना चाहता है?

उत्तर
पथिक का मन बादलों के बीच बैठकर आनंद विहार करने का है| कवि का मन नीचे मनोरम समुद्र और ऊपर नीले आकाश के बीच रंग-बिरंगे बादलों पर बैठकर प्रकृति का आनंद उठाना चाहता है|

2. सूर्योदय वर्णन के लिए किस तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है?

उत्तर
सूर्योदय वर्णन के लिए निम्नलिखित दृश्य बिंबों का प्रयोग किया गया है :
• लक्ष्मी के स्वर्णिम मंदिर का चमकता हुआ कँगूरा
• लक्ष्मी की सवारी को धरती पर उतारने के लिए समुद्र देव द्वारा बनाई गई स्वर्णिम सड़क
• सूर्य के सम्मुख थिरकती हुई वारिद-माला

3. आशय स्पष्ट करें

(क) “सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है|
तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है|”

उत्तर
इन पंक्तियों में सूर्य को जगत का स्वामी बताया गया है जो धीमी गति से आता है और आकाशगंगा के किनारे खड़ा हो जाता है| ‘सस्मित वदन’ का अर्थ है चेहरे पर मुसकान लिए हुए| सूर्य आकाशगंगा की सुन्दरता को देखकर मधुर गीत गाता हुआ प्रतीत होता है| कवि कहना चाहते हैं कि प्रकृति की सुन्दरता जगत के स्वामी सूर्य को भी सम्मोहित करती है|

(ख) कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी

उत्तर
कवि ने इन पंक्तियों में प्रकृति के प्रेम कहानी का वर्णन किया है| समुद्र तट प्रकृति का दृश्य इतना मनोरम है कि यह प्रकृति के प्रेम कहानी-सा प्रतीत होता है| कवि इस प्रेम-कहानी को अपने अक्षरों में बयान करना चाहता है जिससे संसार भी इस प्रकृति-सौंदर्य का आनंद उठा सके|

4. कविता में कई स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है| ऐसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखें|

उत्तर
• रत्नाकर गर्जन करता है- यहाँ रत्नाकर अर्थात् समुद्र के जल को भयंकर आवाज करते हुए दर्शाया गया है|
• सस्मित वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है- जगत का स्वामी सूर्य को कहा गया है जो साँझ होते ही आकाश के किनारे धीमी गति से मुस्कुराते हुए आकर खड़ा हो जाता है अर्थात् सूर्यास्त हो जाता है| यहाँ सूर्य को हँसते हुए दिखाया गया है|

• नभ में चंद्र विहँस देता है- चंद्रमा को हँसता हुआ दर्शाया गया है अर्थात् चंद्रमा की सुंदर एवं मनोरम छटा आकाश में बिखर जाती है|
• वृक्ष विविध पत्तों-पुष्पों से तन को सज लेता है- यहाँ वृक्षों को सजता हुआ दिखाया गया है अर्थात् वृक्ष पर पत्तों और फूलों के आने से हरियाली छा जाती है|

कविता के आस-पास

1. समुद्र को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैं? लगभग 200 शब्दों में लिखें|

उत्तर
समुद्र को देखकर यही लगता है कि यह खुले आकाश की तरह विशाल और गहरा है| इसकी विशालता देखकर इसमें गोते लगाने का मन करता है| समुद्र का जल खारा होता है और इसे पीने के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता| यदि ऐसा न होता तो पानी की समस्या बहुत हद तक कम हो जाती| समुद्र की लहरें जब ऊँची उठती हैं तो बहुत अच्छा लगता है| इसकी गर्जन का शोर मन में डर पैदा करता है| समुद्र के किनारे का सूर्योदय और सूर्यास्त का समय बहुत ही मनमोहक होता है| मेरा मन करता है कि समय को यहीं रोक लूँ ताकि इसकी शांति मन को सुख पहुँचाता रहे|

2. प्रेम सत्य है, सुंदर है- प्रेम के विभिन्न रूपों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर चर्चा करें|

उत्तर
प्रेम सत्य है, सुंदर है- चाहें वह किसी भी रूप में किया गया हो| प्रेम वास्तविक और सच्चा होना चाहिए| इसके विभिन्न रूप हैं| माँ का प्रेम ममता और वात्सल्य से भरा होता है जो निःस्वार्थ की भावना से परिपूर्ण होता है| देशप्रेम में त्याग और साहस की भावना होती है| प्रेयसी प्रेम, प्रकृति प्रेम ये सभी मन को सुकून पहुँचाते हैं और त्याग की भावना लिए होते हैं|

3. वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं- इस पर चर्चा करें व लिखें कि प्रकृति से जुड़े रहने के लिए क्या कर सकते हैं?

उत्तर
यह सच है कि वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं| शहरीकरण और लोगों की बढ़ती व्यस्तता उन्हें प्रकृति से विमुख कर रही है| पेड़-पौधों के निरंतर काटने से प्रकृति की हरियाली कम होती जा रही है| महानगरों में रहने वाले लोग अपने ही तक सिमट कर रह गए हैं, उनके पास प्रकृति का आनंद उठाने का समय ही नहीं है|
प्रकृति से जुड़े रहने के लिए वृक्षारोपण बहुत ही महत्वपूर्ण है| घनी आबादी वाले स्थानों पर पार्क या बगीचों का निर्माण करना चाहिए जिससे कि बच्चे खुली हवा में साँस लेकर खेल सकें| घर के किनारे हरित पट्टी का निर्माण करना चाहिए तथा छोटे-छोटे पेड़-पौधों को समय–समय पर लगाते रहना चाहिए|

4. सागर संबंधी दस कविताओं का संकलन करें और पोस्टर बनाएँ|

उत्तर
छात्र स्वयं करें|

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