Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 5 जननी तुल्यवत्सला

Class 10 Solutions Chapter 5 जननी तुल्यवत्सला

Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 5 जननी तुल्यवत्सला, (संस्कृत) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल । 

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और एक संदेह के साथ अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए कदम दर कदम एनसीईआरटी समाधान प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 5 जननी तुल्यवत्सला

Class 10 Solutions Chapter 5 जननी तुल्यवत्सला

अभ्यासः

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-

(क) वृषभः दीनः इति जानन्नपि कः तं नुद्यामान् आसीत्?
उत्तराणि:
कृषकः

(ख) वृषभः कुत्र पपात?
उत्तराणि:
क्षेत्रे

(ग) दुर्बले सुते कस्याः अधिका कृपा भवति?
उत्तराणि:
मातुः

(घ) कयोः एकः शरीरेण दुर्बलः आसीत्?
उत्तराणि:
बलीवर्दयोः

(ङ) चण्डवातेन मेघरवैश्च सह कः समजायत?
उत्तराणि:
प्रवर्ष:

प्रश्न 2.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-

(क) कृषक: किं करोति स्म?
उत्तराणि:
कृषकः क्षेत्रकर्षणं करोति स्म।

(ख) माता सुरभिः किमथम् अश्रूणि मुञ्चति स्म?
उत्तराणि:
भूमौ पतिते स्वपुत्रं दृष्ट्वा माता सुरभिः अश्रूणि मुञ्चति स्म।

(ग) सुरभिः इन्द्रस्य प्रश्नस्य किमुत्तर ददाति?
उत्तराणि:
सुरभिः इन्द्रस्य इदम् उत्तरं ददाति-” भो वासव! पुत्रत्य दैन्यं दृष्ट्वा अहं रोदिमि।”

(घ) मातुः अधिका कृपा कस्मिन् भवति?
उत्तराणि:
मातुः अधिका कृपा दीने पुत्रे भवति।

(ङ) इन्द्रः दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं किं कृतवान्?
उत्तराणि:
इन्द्रः दुर्बलवृषभस्य कष्टानि अपाकर्तुं प्रवर्ष कृतवान्।

(च) जननी कीदृशी भवति?
उत्तराणि:
जननी सर्वेषु अपत्येषु तुल्यवत्सला परं दीने पुत्र कृपाहदया भवति।

(छ) पाठेऽस्मिन् कयोः संवादः विद्यते?
उत्तराणि:
अस्मिन् पाठे सुरभिसुराधिपइन्द्रयोः संवाद: विद्यते।

प्रश्न 3.
‘क’ स्तम्भे दत्तानां पदानां मेलनं ‘ख’ स्तम्भे दत्तैः समानार्थकपदौः कुरुत-

      क स्तम्भ                                 ख स्तम्भ
(क) कृच्छ्रेण                                 (i) वृषभः
(ख) चक्षुभ्या॑म                               (ii) वासवः
(ग) जवने                                    (iii) नेत्राभ्याम्
(घ) इन्द्रः                                     (iv) अचिरम्
(ङ) पुत्राः                                     (v) द्रुतगत्या
(च) शीघ्रम्                                   (vi) काठिन्येन
(छ) बलीवर्दः                                (vii) सुताः
उत्तराणि:
      क स्तम्भ                                 ख स्तम्भ
(क) कृच्छेण                                  (i) काठिन्येन
(ख) चक्षुाम्                                   (ii) नेत्राभ्याम्
(ग) जवने                                     (iii) द्रुतगत्या
(घ) इन्द्रः                                      (iv) वासवः
(ङ) पुत्राः                                     (v) सुताः
(च) शीघ्रम्                                   (vi) अचिरम्
(छ) बलीवर्दः                                (vii) वृषभः

प्रश्न 4.
स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) सः कृच्छ्रेण भारम् उद्वहति।
उत्तराणि:
सः केन/कथम् भारम् उद्वहति?

(ख) सुराधिपः ताम् अपृच्छत्?
उत्तराणि:
कः ताम् अपृच्छत्?

(ग) अयम् अन्येभ्यो दुर्बलः।
उत्तराणि:
अयम् केभ्यः/ केभ्यो दुर्बलः?

(घ) धेनूनाम् माता सुरभिः आसीत्?
उत्तराणि:
कासाम् माता सुरभिः आसीत्?

(ङ) सहस्राधिकेषु पुत्रेषु सत्स्वपि सा दु:खी आसीत्।
उत्तराणि:
कति पुत्रेषु सत्स्वपि सा दु:खी आसीत्?

प्रश्न 5.
रेखांकितपदे यथास्थानं सन्धि विच्छेद वा कुरुत-

(क) कृषक: क्षेत्रकर्षणं कुर्वन् + आसीत्।
उत्तराणि:
कुर्वन्नासीत्

(ख) तयोरेक: वृषभः दुर्बलः आसीत्।
उत्तराणि:
तयोः + एकः

(ग) तथापि वृषः न + उत्थितः।
उत्तराणि:
नोत्थितः

(घ) सत्स्वपि बहुषु पुत्रेषु अस्मिन् वात्सल्यं कथम्?
उत्तराणि:
सत्सु + अपि

(ङ) तथा + अपि + अहम् + एतस्मिन् स्नेहम् अनुभवामि।
उत्तराणि:
तथाप्यहमेतस्मिन्

(च) मे बहूनि + अपत्यानि सन्ति।
उत्तराणि:
बहून्यपत्यानि

(छ) सर्वत्र जलोपप्लवः संजात:।
उत्तराणि:
जल + उपलव:

प्रश्न 6.
अधोलिखितेषु वाक्येषु रेखांकितसर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम्-

(क) सा च अवदत् भो वासव! भृशं दु:खिता अस्मि।
उत्तराणि:
धेनुमात्रे सुरभये (सुरभ्यै)।

(ख) पुत्रस्य दैन्यं दृष्ट्वा अहम् रोदिमि।
उत्तराणि:
धेनुमात्रे सुरभये (सुरभ्यै)।

(ग) सः दीनः इति जानन् अपि कृषक: तं पीडयति।
उत्तराणि:
दुर्बल बलीवय।

(घ) मे बहूनि अपत्यानि सन्ति।
उत्तराणि:
धेनुमात्रे सुरभये (सुरभ्यै)।

(ङ) सः च ताम् एवम् असान्त्वयत्।
उत्तराणि:
आखण्डलाय (इन्द्राय)।

(च) सहस्रेषु पुत्रेषु सत्सवपि तव अस्मिन् प्रीतिः अस्ति।
उत्तराणि:
धेनुमात्रे सुरभये (सुरभ्यै)।

प्रश्न 7.
‘क’ स्तम्भे विशेषणपदं लिखितम्, ‘ख’ स्तम्भे पुनः विशेष्यपदम्। तयोः मेलनं कुरुत-

     क स्तम्भ              ख स्तम्भ
(क) कश्चित्               (i) वृषभम्
(ख) दुर्बलम्              (ii) कृपा
(ग) क्रुद्धः                 (iii) कृषीवल:
(घ) सहस्राधिकेषु       (iv) आखण्डल:
(ङ) अभ्यधिका         (v) जननी
(च) विस्मितः            (vi) पुत्रेषु
(छ) तुल्यवत्सला       (vii) कृषक:
उत्तराणि:
     क स्तम्भ              ख स्तम्भ
(क) कश्चित्               (i) कृषक:
(ख) दुर्बलम्              (ii) वृषभम्
(ग) क्रुद्धः                 (iii) कृषीवल:
(घ) सहस्राधिकेषु       (iv) पुत्रेषु
(ङ) अभ्यधिका         (v) कृपा
(च) विस्मितः             (vi) आखण्डल:
(छ) तुल्यवत्सला        (vii) जननी

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

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  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

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  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

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