Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 11 प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुह्रद्

Class 10 Solutions Chapter 11 प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुह्रद्

Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 11 प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुह्रद्, (संस्कृत) परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है ।  के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है ।  छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल । 

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं ।  छात्रों की सहायता करने के लिए, सभी प्रश्नों को हल करने और एक संदेह के साथ अपनी पढ़ाई को बनाए रखने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए कदम दर कदम एनसीईआरटी समाधान प्रदान किए हैं।  इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी ।

Shemushi Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 11 प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुह्रद्

Class 10 Solutions Chapter 11 प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुह्रद्

अभ्यासः

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरं लिखत-

(क) क: चन्दनदासं द्रष्टुम् इच्छति?
उत्तराणि:
चाणक्यः

(ख) चन्दनदासस्य वणिज्या कीदृशी आसीत्?
उत्तराणि:
मणिकारम्

(ग) किं दोषम् उत्पादयति?
उत्तराणि:
ततस्तत्प्रच्छादनम्

(घ) चाणक्यः कं द्रष्टुम् इच्छति?
उत्तराणि:
चन्दनदासम्

(ङ) कः शङ्कनीयः भवति?
उत्तराणि:
चन्दनदासम्

प्रश्न 2.
अधोलिखितप्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत-

(क) चन्दनदासः कस्य गृहजनं स्वगृहे रक्षति स्म?
(ख) तृणानां केन सह विरोधः अस्ति?
(ग) पाठेऽस्मिन् चन्दनदासस्य तुलना केन सह कृता?
(घ) प्रीताभ्यः प्रकृतिभ्यः प्रतिप्रियं के इच्छन्ति?
(ङ) कस्य प्रसादेन चन्दनदासस्य वणिज्या अखण्डिता?
उत्तराणि:
(क) चन्दनदासः अमात्यराक्षसस्य गृहजनं स्वगृहे रक्षतिः।
(ख) तृणानाम् अग्निना सह विरोधः अस्ति।
(ग) पाठेऽस्मिन् चन्दनदासस्य तुलना शिविना सह कृता।
(घ) प्रीताभ्यः प्रकृतिभ्यः प्रतिप्रियं राजानः इच्छन्ति।
(ङ) आर्यस्य (चाणक्यस्य) प्रसादेन चन्दनदासस्य वाणिज्या-अखण्डिता।

प्रश्न 3.
स्थूलाक्षरपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) शिविना विना इदं दुष्कर कार्य कः कुर्यात्।
उत्तराणि:
केन विना इदं दुष्कर कार्य कः कुर्यात्?

(ख) प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुहृत्
उत्तराणि:
प्राणेभ्योऽपि प्रियः कः?

(ग) आर्यस्य प्रसादेन मे वणिज्या अखण्डिता।
उत्तराणि:
कस्य प्रसादेन मे वणिज्या अखण्डिता?

(घ) प्रीताभ्यः प्रकृतिभ्यः राजानः प्रतिप्रियमिच्छन्ति।
उत्तराणि:
प्रीताभ्यः प्रकृतिभ्यः के प्रतिप्रियमिच्छन्ति?

(ङ) तृणानाम् अग्निना सह विरोधो भवति।
उत्तराणि:
केषाम् अग्निना सह विरोधो भवति?

प्रश्न 4.
यथानिर्देशमुत्तरत-

(क) ‘अखण्डिता मे वणिज्या’-अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम्?
उत्तराणि:
अखण्डिता

(ख) पूर्वम् ‘अनृतम्’ इदानीम् आसीत् इति परस्परविरुद्ध वचने-अस्मात् वाक्यात् ‘अधुना’ इति पदस्य समानार्थकपदं चित्वा लिखत।
उत्तराणि:
इदानीम्

(ग) ‘आर्य! किं में भयं दर्शयसि’ अत्र ‘आर्य’ इति सम्बोधनपद कस्मै प्रयुक्तम्?
उत्तराणि:
चाणक्याय

(घ) ‘प्रीताभ्यः प्रकृतिभ्यः प्रतिप्रियमिच्छन्ति राजानः’ अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?
उत्तराणि:
राजानः

(ङ) ‘तस्मिन् समये आसीदस्मद्गृहे’ अस्मिन् वाक्ये विशेष्यपद किम्?
उत्तराणि:
समये

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार सन्धिं / सन्धिविच्छेदं कुरुत-

(क) यथा- कः + अपि – कोऽपि
प्राणेभ्य: + अपि – ___________
___________ + अस्मि – सज्जोऽस्मि
आत्मनः + ___________ – आत्मनोऽधिकारसदृशम्

(ख) यथा- सत् + चित् – सच्चित्
शरत् + चन्द्र: – ___________
कदाचित् + च – ___________
उत्तराणि:
(क) यथा- क: + अपि – कोऽपि
प्राणेभ्यः + अपि – प्राणेभ्योऽपि
सज्जः + अस्मि – सज्जोऽस्मि
आत्मनः + अधिकारसदृशम् – आत्मनोऽधिकारसदृशम्

(ख) यथा- सत् + चित् – सच्चित्
शरत् + चन्द्र: – शरच्चन्द्रः
कदाचित् + च – कदाचिच्च

प्रश्न 6.
कोष्ठकेषु दत्तयोः पदयोः शुद्ध विकल्पं विचित्य रिक्तस्थानानि पूरयत-

(क) ___________ विना इदं दुष्करं कः कुर्यात्। (चन्दनदासस्य / चन्दनदासेन)
(ख) ___________ इदं वृत्तान्तं निवेदयामि। (गुरवे / गुरोः)
(ग) आर्यस्य ___________ अखण्डिता मे वणिज्या। (प्रसादात् / प्रसादेन)
(घ) अलम् ___________। (कलहेन / कलहात्)
(ङ) वीरः ___________ बालं रक्षति। (सिंहेन / सिंहात्)
(च) ___________ भीतः मम भ्राता सोपानात् अपतत्। (कुक्कुरेण / कुक्कुरात्)
(छ) छात्रः ___________ प्रश्नं पृच्छति। (आचार्यम् / आचार्येण)
उत्तराणि:
(क) चन्दनदासेन
(ख) गुरवे
(ग) प्रसादेन
(घ) कलहेन
(ङ) सिंहात्
(च) कुक्कुरात्
(छ) आचार्यम्

प्रश्न 7.
अधोदत्तमञ्जूषातः समुचितविलोमपदानि गृहीत्वा लिखत-

असत्यम्,       पश्चात्,       गुणः,       आदरः,        तदानीम्,       तत्र

(क) अनादरः – ___________
(ख) दोषः – ___________
(ग) पूर्वम् – ___________
(घ) सत्यम् – ___________
(ङ) इदानीम् – ___________
(च) अत्र – ___________
उत्तराणि:
(क) आदरः
(ख) गुणः
(ग) पश्चात्
(घ) असत्यम्
(ङ) तदानीम्
(च) तत्र

प्रश्न 8.
उदाहरणमनुसृत्य अधोलिखितानि पदानि प्रयुज्य पञ्चवाक्यानि रचयत-

यथाः निष्क्रम्य-शिक्षिका पुस्तकालयात् निष्क्रम्य कक्षा प्रविशति।
(क) उपसृत्य – ___________
(ख) प्रविश्य – ___________
(ग) द्रष्टुम् – ___________
(घ) इदानीम् – ___________
(ङ) अत्र – ___________
उत्तराणि:
(क) अहम् आचार्यम् उपसृत्य पठामि।
(ख) सः कक्षाम् प्रविश्य अवदत्।
(ग) बाल: मातरं द्रष्टुम् इच्छति।
(घ) इदानीम् त्वं कुतः आगच्छसि?
(ङ) सा अत्र आगृत्य वदति।

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

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  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

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