NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण, (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 आत्मत्राण

पाठ्य पुस्तक प्रश्न

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?
उत्तर:
कवि अपने आराध्य प्रभु से यह प्रार्थना कर रहा है कि हे प्रभु! तुम दुख से मत उबारो, मेरे कष्ट मत दूर करो बल्कि उन दुख और कष्टों को सहने की शक्ति प्रदान कीजिए। कवि अपने प्रभु से शक्ति और साहस चाहता है ताकि जीवन में दुखों और कष्टों से जूझ सके तथा उनसे हारे बिना आगे बढ़ता रहे। उसे दुख हरनेवाला या सहायता करनेवाला नहीं, आत्मबल और पुरुषार्थ माँग रहा है ताकि वह प्रभु पर अटूट विश्वास बनाए रख सके।

प्रश्न 2.
‘विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं- कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
इस पंक्ति द्वारा कवि यह कहना चाहता है कि हे प्रभु! चाहे मुझे आप दुखों, मुसीबतों और कठिनाइयों से भले ही न बचाओ। जब मेरा चित्त मुसीबतों तथा दुखों से बेचैन हो जाए, तो भले सांत्वना भी मत दो। पर हे प्रभु! बस आप इतनी कृपा अवश्य करना कि मैं मुसीबत तथा दुखों से घबराऊँ नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास के साथ निर्भीक होकर हर परिस्थिति का सामना करने का साहस मुझ में आ जाए।

प्रश्न 3.
कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर:
मानव-जीवन में सुख-दुख आते रहते हैं। सुख के पल मनुष्य आसानी से बिता लेता है परंतु दुख में ईश्वर का स्मरण करते हुए सहायता माँगता है। कवि जीवन की दुख रूपी रात्रि में कोई सहायक न मिलने पर भी ईश्वर के प्रति संदेह नहीं करना चाहता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है कि दुख की इस घड़ी में उसका बल-पौरुष बना रहे जिससे वह दुख से संघर्ष करते हुए उसे जीत सके।

प्रश्न 4.
अंत में कवि क्या अनुनय करता है?
उत्तर:
अंत में कवि यह अनुनय करता है कि वह जीवन रूपी अपना भार स्वयं ही वहन कर सके। वह सुख के समय में भी प्रभु को निरंतर याद करना चाहता है। वह ईश्वर की शक्ति, करुणा पर कभी भी संशय नहीं करना चाहता, अपितु वह तो ईश्वर से केवल जीवन में निर्भयता तथा विपत्तियों के बोझ को वहन करने की क्षमता चाहता है।

प्रश्न 5.
‘आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘आत्मत्राण’ शीर्षक अपने में पूरी तरह सार्थकता समाए हुए है। आत्म-स्वयं या खुद और त्राण-रक्षा करना अर्थात् अपनी रक्षा करना। कविता के कथ्य से ज्ञात होता है कि कवि दुख और मुसीबतों से बचने या उन्हें दूर करने के लिए ईश्वर की मदद नहीं चाहता है न वह इस कार्य के लिए याद करता है। वह प्रभु से आत्मबल, साहस, पौरुष मांगता है जिनकी सहायता से वह स्वयं दुख और मुसीबत का सामना कर सके। अपनी रक्षा खुद करने का भाव समेटे हुए यह शीर्षक पूरी तरह से सार्थक है।

प्रश्न 6.
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए।
उत्तर:
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हम प्रार्थना के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रयास करते हैं

  1. हम जीवन में सफलता पाने की इच्छा की पूर्ति हेतु कठिन परिश्रम तथा लगन से काम करते हैं।
  2. हम जीवन में आने वाले संघर्षों, रुकावटों का क्षमतानुसार सामना करते हैं।
  3. अपनी आत्मिक और शारीरिक शक्ति के बल पर जीवन को नई दिशा देने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 7.
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना-गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे?
उत्तर:
निस्संदेह कवि की यह प्रार्थना मुझे अन्य प्रार्थनाओं से पूरी तरह अलग लगती है। जन सामान्य अपनी प्रार्थना में जहां अपने संकट, कष्ट, दुख, मुसीबत आदि दूर करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं तथा अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए सुख-सुविधाओं की माँग करते हैं, वहीं कवि ने इनसे अलग प्रार्थना में अपनी इच्छा प्रकट की है। वह अपने प्रभु से साहस, बल और पौरुष माँगता है ताकि दुखों का सामना कर सके और उस पर विजय पा सके। वह सुख में भी प्रभु को न भूलने तथा उन पर सदैव विश्वास बनाए रखने की प्रार्थना करता है। इसके कवि की प्रार्थना में दैन्य भाव न होकर विनय भाव है जिससे यह कविता अन्य कविताओं से अलग लगती है।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1.
नत शिर होकर सुख के दिन में                                                                                                                                      तव मुख पहचानँ छिन-छिन में।
उत्तर:
भाव यह है कि कवि जिस तरह अपने प्रभु को दुख में याद करता है उसी तरह वह सुख के समय भी याद रखना चाहता है। वह प्रार्थना करता है कि प्रभु! सुख के दिनों में भी सिर झुकाकर वह पल-पल अपने प्रभु का चेहरा देखता रहे। अर्थात् दुख-सुख दोनों ही दशाओं में अपने प्रभु को याद रखे।

प्रश्न 2.
हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रही।                                                                                                 तो भी मन में ना मानें क्षय।
उत्तर:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कह रहा है कि मुझे इस संसार में चाहे कितनी भी हानि उठानी पड़े तथा किसी का साथ प्राप्त होने की जगह बेशक धोखा ही मिले, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी मेरा आत्मबल और आत्मविश्वास डगमगाए नहीं तथा मैं किसी प्रकार का दुख न मानें, किसी भी तरह से घबराऊँ नहीं, बल्कि हर परिस्थिति का सहर्ष सामना करूं। उसका मनोबल उसे सभी परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत दे।

प्रश्न 3.
तरने की हो शक्ति अनामय                                                                                                                          मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।
उत्तर:
भाव यह है कि कवि जब दुख के सागर में घिरा हो, परिस्थितियाँ विपरीत हों तब भी उसके प्रभु दुखों को भले ही कम न करें या दुख कम करने की सांत्वना भले ही न दें, पर वहे प्रभु से साहस और शक्ति ज़रूर चाहता है जिसके सहारे वह दुखों से जूझ सके और उन पर विजय पा सके।

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1.
रवींद्रनाथ ठाकुर ने अनेक गीतों की रचना की है। उनके गीत-संग्रह में से दो गीत छाँटिए और कक्षा में कविता-पाठ कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
अनेक अन्य कवियों ने भी प्रार्थना गीत लिखे हैं, उन्हें पढ़ने का प्रयास कीजिए; जैसे
(क) महादेवी वर्मा-क्या पूजा क्या अर्चन रे!
(ख) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला-दलित जन पर करो करुणा।
(ग) इतनी शक्ति हमें देना दाता                                                                                                                  मन का विश्वास कमज़ोर हो न                                                                                                                 हम चलें नेक रस्ते पर हम से                                                                                                                      भूल कर भी कोई भूल हो न

इस प्रार्थना को ढूँढ़कर पूरा पढ़िए और समझिए कि दोनों प्रार्थनाओं में क्या समानता है? क्या आपको दोनों में कोई अंतर भी प्रतीत होता है? इस पर आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
रवींद्रनाथ ठाकुर को नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय होने का गौरव प्राप्त है। उनके विषय में और जानकारी एकत्र पर परियोजना पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
रवींद्रनाथ ठाकुर की ‘गीतांजलि’ को पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें ।

प्रश्न 3.
रवींद्रनाथ ठाकुर ने कलकत्ता (कोलकाता) के निकट एक शिक्षण संस्थान की स्थापना की थी। पुस्तकालय की मदद से उसके विषय में जानकारी एकत्रित कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
रवींद्रनाथ ठाकुर ने अनेक गीत लिखे, जिन्हें आज भी गाया जाता है और उसे रवींद्र संगीत कहा जाता है। यदि संभव हो, तो रवींद्र संगीत संबंधी कैसेट व सी०डी० लेकर सुनिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

  1. यह छात्रों को प्रत्येक अध्याय में कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है और उन्हें अपनी अवधारणाओं को और अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

कक्षा 10 के लिए सीबीएसस्टूडुगुरु एनसीईआरटी सॉल्यूशंस का विकल्प क्यों चुनते हैं?

  • cbsestudyguru अपनी उंगलियों पर सभी विषयों के लिए एनसीईआरटी समाधान प्रदान करते हैं ।
  • ये समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किए गए हैं और एनसीईआरटी की हर पाठ्यपुस्तक प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।
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  • हम कक्षा 10 और अन्य सभी कक्षाओं के लिए मुफ्त एनसीईआरटी समाधान प्रदान करते हैं।

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