NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस, (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस

पाठ्य पुस्तक प्रश्न

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पावस ऋतु में पर्वतीय प्रदेश में प्रकृति में पल-पल नए-नए परिवर्तन होते रहते हैं जिन्हें देखकर लगता है कि प्रकृति अपना परिधान बदल रही है। इससे प्रकृति का सौंदर्य और भी मनोहारी हो जाता है। पावस ऋतु में इस प्रदेश में निम्नलिखित बदलाव आते हैं-

  1. तालाब जल से भर उठता है, जिसमें पहाड़ अपनी परछाई देखता प्रतीत होता है।
  2. पर्वत पर भाँति-भाँति के फूल खिल जाते हैं।
  3. झरने मोतियों की लड़ियों की भाँति सुंदर लगते हैं।
  4. अचानक बादल छा जाने से पर्वत और झरने अदृश्य हो जाते हैं।
  5. तालाब से धुआँ-सा उठने लगता है।
  6. शाल के वृक्ष बादलों में खोए से लगते हैं।
  7. आकाश में उड़ते बादल इंद्र देवता के उड़ते विमान-से लगते हैं।

प्रश्न 2.
“मेखलाकार’ शब्द का क्या अर्थ है? कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ क्यों किया है?
उत्तर:
‘मेखलाकार’ शब्द का अर्थ है-“करधनी’ के आकार की पहाड़ की ढाल, अर्थात् जिसने चारों ओर से घेरा बनाया हुआ हो। कवि ने इस शब्द का प्रयोग यहाँ इसलिए किया है, क्योंकि ये पर्वत संपूर्ण पर्वत प्रदेश में चारों ओर से घेरा बनाकर खड़े प्रतीत होते हैं।

प्रश्न 3.
‘सहस्र दृग-सुमन’ से क्यो तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?
उत्तर:
‘सहस्र दृग-सुमन’ का तात्पर्य है- हज़ारों पुष्प रूपी आँखें। पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु में पर्वतों पर नाना प्रकार के रंग-बिरंगे हज़ारों फूल खिल जाते हैं। पहाड़ के पैरों के पास जो विशाल तालाब है, उसमें पहाड़ का प्रतिबिंब बन रहा है। पहाड़ पर खिले हुए इन फूलों को देखकर लगता है कि पर्वत इन फूल रूपी आँखों से अपना प्रतिबिंब जल में निहारकर आत्ममुग्ध हो रहे हैं।
कवि ने इस पद का प्रयोग पहाड़ पर खिले हजारों फूलों के लिए किया है।

प्रश्न 4.
कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
उत्तर:
‘पर्वत प्रदेश में पावस’ कविता में तालाब की समानता दर्पण के साथ दिखाई गई है, क्योंकि दोनों पारदर्शी हैं तथा दोनों में व्यक्ति अपना प्रतिबिंब देख सकता है। तालाव का जल निर्मल व स्वच्छ है। तालाब में दर्पण की भाँति महाकार पर्वत अपना प्रतिबिंब निहार रहा है।

प्रश्न 5.
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?
उत्तर:
पर्वत के हृदय से उठे ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर इसलिए देख रहे हैं क्योंकि वे आकाश को छूने का प्रयास कर रहे हैं। इन पेड़ों की आकांक्षाएँ आकाश सरीखी ऊँची हैं। वे इन आकांक्षाओं को पूरी करने के उपाय के लिए चिंतनशील से प्रतीत होते हैं।
ऊँचे-ऊँचे पेड़ इस बात को प्रतिबिंबित करते हैं कि मनुष्य को अपनी महत्त्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, अपने लक्ष्य को पाने के लिए एकाग्रचित्त होकर चिंतन-मनन करते हुए उपाय सोचना चाहिए।

प्रश्न 6.
शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों फँस गए?
उत्तर:
पर्वत प्रदेश में पावस के समय कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है, मानों पृथ्वी पर आसमान टूट पड़ा हो और इस भय से उच्च-आकांक्षाओं से युक्त विशाल शाल के पेड़ धरती में धंस गए हों।

प्रश्न 7.
झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
उत्तर:
झर-झरकर बहते हुए झरने पर्वतों का गौरव गान कर रहे हैं। कवि ने इन बहते झरनों की तुलना मोतियों की लड़ियों से की है। ये झरने सफ़ेद झाग से युक्त हैं। इन्हें देखकर लगता है कि जैसे ये झरने पर्वतों के सीने पर मोतियों की लड़ियाँ हैं।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1.
है टूट पड़ा भू पर अंबर।
उत्तर:
पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु में जब बादल घिरते हैं तो कभी-कभी अचानक मूसलाधार वर्षा होने लगती है। इन बादलों के कारण पहाड़, पेड़, झरने तक अदृश्य हो जाते हैं। वर्षा का वेग देखकर लगता है कि आकाश धरती पर टूट पड़ा है।

प्रश्न 2.
यों जलद-यान में विचर-विचर                                                                                                                                                         

था इंद्र खेलता इंद्रजाल ।
उत्तर:
पर्वत के सीने पर उगे ऊँचे-ऊँचे वृक्षों को देखकर लगता है कि वे मनुष्य की ऊँची-ऊँची महत्त्वाकांक्षाओं की भाँति ऊँचे आसमान की ओर अडिग होकर अपलक निहारे जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे आसमान छूना चाहते हैं। वे आसमान कैसे छुएँ, इसी के लिए उपाय सोचते हुए चिंतातुर से प्रतीत हो रहे हैं।

प्रश्न 3.
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर                                                                                                                 

 उच्चाकांक्षाओं से तरुवर                                                                                                                                              

  हैं झाँक रहे नीरव नभ पर                                                                                                                                     

अनिमेष, अटल कुछ चिंतापर।
उत्तर:
इन पंक्तियों का भाव है कि पर्वतों पर अनेक वृक्ष उगे हुए हैं। ये उगे हुए वृक्ष ऐसे प्रतीत होते हैं, मानों ये पर्वतों के हृदय से उठने वाली उच्चाकांक्षाएँ हों। ये पेड़ एकटक स्थिरता से शांत आकाश की ओर निहारते हुए से प्रतीत होते हैं अर्थात् कवि ने वृक्षों की सभी क्रियाओं का मानवीकरण किया है।

कविता का सौंदर्य

प्रश्न 1.
इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है
(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।
(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर।
(ग) कविता की संगीतात्मकता पर।
उत्तर:
(क) अनेक शब्दों की आवृत्ति पर।

प्रश्न 3.
कवि ने चित्रात्मक शैली का प्रयोग करते हुए पावस ऋतु का सजीव चित्र अंकित किया है। ऐसे स्थलों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  1. उड़ गया, अचानक लो, भूधर फड़का अपार पारद के पर! रेव-शेष रह गए हैं निर्झर! है टूट पड़ा भू पर अंबर! धंस गए धरा में सभय शाल!
  2. गिरि का गौरव गाकर झर-झर मद में नस-नस उत्तेजित कर मोती की लड़ियों-से सुंदर झरते हैं झाग भरे निर्झर!

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1.
इस कविता में वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों की बात कही गई है। आप अपने यहाँ वर्षा ऋतु में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति में सरसता आ जाती है। वर्षा के आते ही पेड़-पौधे, घास सभी हरियाली से हरे-भरे हो जाते हैं। गर्मी की भीषणता से निजात मिल जाती है। पक्षी चहचहाने लगते हैं। प्राणियों का मन मयूर नाचने लगता है। सभी जड़-चेतन वर्षा में उत्सव-सा मनाते हैं। ऐसा लगता है कि वर्षा ऋतु पानी की वर्षा के साथ आनंद की वर्षा भी कर रही है। वर्षा ऋतु मुझे बहुत अच्छी लगती है।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
वर्षा ऋतु पर लिखी गई अन्य कवियों की कविताओं का संग्रह कीजिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें ।

प्रश्न 2.
वारिश, झरने, इंद्रधनुष, बादल, कोयल, पानी, पक्षी, सूरज, हरियाली, फूल, फल आदि या कोई भी प्रकृति विषयक शब्द का प्रयोग करते हुए एक कविता लिखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर:
छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें ।

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

  1. यह छात्रों को प्रत्येक अध्याय में कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है और उन्हें अपनी अवधारणाओं को और अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

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