NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2 सपनों के-से दिन

Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2 सपनों के-से दिन

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2 सपनों के-से दिन, (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है । के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है । छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल ।

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2 सपनों के-से दिन

Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2 सपनों के-से दिन

पाठ्य पुस्तक प्रश्न

प्रश्न 1.
कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती-पाठ के किस अंश से सिद्ध होता है?
उत्तर:
‘कोई भी भाषा आपसी व्यवहार में बाधा नहीं बनती’—यह पाठ के निम्नलिखित अंश से सिद्ध होता है-
हमारे आधे से अधिक साथी राजस्थान या हरियाणा से आकर मंडी में व्यापार या दुकानदारी करने आए परिवारों से थे। जब बहुत छोटे थे तो उनकी बोली कम समझ पाते। उनके कुछ शब्द सुनकर हमें हँसी आने लगती, परंतु खेलते तो सभी एक-दूसरे की बात खूब अच्छी तरह समझ लेते।

प्रश्न 2.
पीटी साहब की ‘शाबाश’ फौज के तमगों-सी क्यों लगती थी ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पीटी साहब बिल्ला मार-मारकर बच्चों की चमड़ी तक उधेड़ देते थे। यहाँ तक कि तीसरी-चौथी कक्षाओं के बच्चों से थोड़ा-सा भी अनुशासन भंग हो जाने पर उन्हें कठोर सज़ा देते थे। ऐसे कठोर स्वभाव वाले पीटी साहब जब बच्चे कोई गलती न करते, तो वे अपनी चमकीली आँखें हलके से झपकाते हुए उन्हें ‘शाबाश’ कहते थे। उनकी यह ‘शाबाश’ बच्चों को फ़ौज के सारे तमगों को जीतने के समान लगती थी, अर्थात् मानों उनकी कोई बहुत बड़ी तरक्की हो गई हो, ऐसा महसूस करते थे।

प्रश्न 3.
नयी श्रेणी में जाने और नयी कापियों और पुरानी किताबों से आती विशेष गंध से लेखक का बालमन क्यों उदास हो उठता था?
उत्तर:
नई श्रेणी में जाने पर प्रायः बच्चों के मन में एक नया उल्लास, उत्साह एवं लगन रहती है। नई पुस्तकों के नए पाठ्यक्रम के प्रति उनमें एक उत्साह होना चाहिए, परंतु नई कापियों और पुरानी पुस्तकों की गंध से लेखक का मन इसलिए उदास हो जाता था, क्योंकि-

  • अगली कक्षा की कठिन पढाई मन को भयभीत करती थी।
  • नए अध्यापकों की अपेक्षा पर खरा न उतर पाने पर पिटाई का भय सताता रहता था।

प्रश्न 4.
स्काउट परेड करते समय लेखक अपने को महत्त्वपूर्ण आदमी’ फौजी जवान क्यों समझने लगता था?
उत्तर:
जब पीटी साहब स्काउटों को परेड करवाते थे, तो लेफ़्ट-राइट की आवाज़ या सीटी बजाकर मार्च करवाया करते थे तथा उनके राइट टर्न या लेफ़्ट टर्न या अबाऊट टर्न कहने पर लेखक अपने छोटे-छोटे बूटों की एड़ियों पर दाएँ-बाएँ या एकदम पीछे मुड़कर बूटों की ठक-ठक की आवाज़ करते हुए लेखक स्वयं को विद्यार्थी न समझकर एक महत्त्वपूर्ण ‘आदमी’ फ़ौजी जवान समझने लगता था।

प्रश्न 5.
हेडमास्टर शर्मा जी ने पीटी साहब को क्यों मुअत्तल कर दिया?
उत्तर:
हेडमास्टर साहब बच्चों की पिटाई के बिलकुल विरुद्ध थे। वे बच्चों को न दंडित करते थे और न दंड पाते उन्हें देख सकते थे। हेडमास्टर साहब ने देखा कि पीटी मास्टर फारसी पढ़ाते हुए शब्द रूप न सुना पाने के कारण अत्यंत क्रूरतापूर्वक मुरगा बना रखा है तथा उन्हें पीठ ऊँची करने का आदेश भी दे रखा है। चौथी कक्षा के छात्रों को ऐसा दंड देना हेडमास्टर को अत्यंत यातनापूर्ण लगा। उन्होंने इसे तुरंत रोकने का आदेश देते हुए पीटी मास्टर प्रीतमचंद को मुअत्तल कर दिया।

प्रश्न 6.
लेखक के अनुसार उन्हें स्कूल खुशी से भागे जाने की जगह न लगने पर भी कब और क्यों उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगने लगा?
उत्तर:
लेखक और उसके साथियों को स्कूल ऐसी जगह कतई नही लगता था कि वे भागकर खुशी-खुशी से जाएँ, क्योंकि उनके मन में स्कूल के प्रति एक प्रकार का भय समाया हुआ था, लेकिन तीसरी-चौथी श्रेणी में इंडियाँ पकड़कर व धुली हुई वर्दी तथा चमकते हुए जूते पहनकर स्काउटिंग परेड करना, गलती न होने पर पीटी साहब से ‘शाबाश’ सुनना लेखक को विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करता था।

प्रश्न 7.
लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुटूटियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भाँति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना किया करता था?
उत्तर:
लेखक के छात्र जीवन में गरमी की छुट्टियाँ डेढ़ या दो महीने की होती थी। इसके आरंभ के दो-तीन हफ़्तों तक खूब खेलकूद और मस्ती करते हुए लेखक अपने साथियों संग समय बिताता फिर नानी के घर चला जाता। जब एक महीने की छुटियाँ बचती तो लेखक अध्यापक द्वारा दिए गए दो सौ सवालों के बारे में गणना करता और सोचता कि एक दिन में । दस सवाल हल करने पर बीस दिन में पूरे हो जाएँगे। एक-एक दिन गिनते खेलकूद में दस दिन और बीत जाते तब पिटाई का डर बढ़ने लगता। तब वह डर भगाने के लिए सोचता कि एक दिन पंद्रह सवाल भी हल किए जा सकते हैं पर सवाल न होते और छुट्टियाँ समाप्त होने को आ जाती, तब वह मास्टरों की पिटाई को सस्ता सौदा समझकर बहादुरी से पिटना स्वीकार कर लेता। इस तरह वह बहादुर बनने की कल्पना किया करता।

प्रश्न 8.
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
पीटी सर की चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. पीटी सर कठोर स्वभाव के थे, लेकिन अनुशासनप्रिय व कर्तव्यनिष्ठ थे इसीलिए तो स्काउटों को परेड करवाते हुए अनुशासन के भंग हो जाने पर बच्चों को बहुत डाँटते थे। वे बच्चों में कर्मठता व सजगता का विकास करना चाहते थे।
  2. पक्षियों के लिए उनके मन में गहरी ममता थी। तभी अपने दो तोतों को भीगे हुए बादाम छीलकर गिरियाँ खिलाते थे।

प्रश्न 9.
विद्यार्थियों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में अपनाई गई युक्तियों और वर्तमान में स्वीकृत मान्यताओं के संबंध में अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए पाठ में कठोर पिटाई के रूप में शारीरिक यातना दी जाती थी। उन्हें थोड़ी-सी गलती पर पीटा जाता था और मुरगा बना दिया जाता था। वर्तमानकाल में बच्चों को शारीरिक दंड देने पर पूर्णतया रोक है। मेरे विचार से यही पूर्णतया उपयुक्त है कि बच्चों को अनुशासन में लाने के लिए शारीरिक दंड नहीं प्यार और अपनत्वपूर्ण व्यवहार की आवश्यकता होती है। बच्चों को स्नेह, पुरस्कार तथा प्रशंसा आदि के माध्यम से अनुशासित करना बेहतर होता है।

प्रश्न 10.
बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं, विशेषकर स्कूली दिनों की। अपने अब तक के स्कूली जीवन की खट्टी-मीठी यादों को लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति के बचपन की यादें मन को गुदगुदाने वाली होती हैं, पर ये यादें सभी की निजी होती हैं। मुझे भी पूरी तरह से याद है, जब मैं कक्षा दूसरी में थी, तो एक दिन स्कूल में बारिश के कारण मैदान में पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। हम सभी बच्चे थोड़ी-सी दूरी पर खेल रहे थे, तो एक शरारती लड़के ने मुझे पानी में धक्का दे दिया। मेरे पानी में गिरते ही सारे बच्चे जोरों से हँसने लगे। मैं पानी में पूरी तरह से भीग गई और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी। बाद में मुझे घर भेज दिया गया था। उस समय की याद आज भी बनी हुई है।

प्रश्न 11.
प्रायः अभिभावक बयों को खेल-कूद में ज्यादा रुचि लेने पर रोकते हैं और समय बरबाद न करने की नसीहत देते हैं बताइए-

  1. खेल आपके लिए क्यों ज़रूरी हैं?
  2. आप कौन-से ऐसे नियम-कायदों को अपनाएँगे, जिनसे अभिभावकों को आपके खेल पर आपत्ति न हो?

उत्तर:

  1.  खेल हमारे लिए इसलिए आवश्यक हैं क्योंकि खेलों से शारीरिक और मानसिक विकास होता है। खेलों से शरीर स्वस्थ और मजबूत बनता है। खेल हमें मानवीय मूल्य अपनाने की सीख देते हुए त्याग, हार-जीत को समान समझने का भाव पारस्परिक सहयोग, मैत्री आदि को प्रगाढ़ बनाते हैं, जो हमें समाजोपयोगी नागरिक बनने में मदद करता है।
  2. अभिभावक खेलकूद को बच्चों के लिए अच्छा नहीं समझते हैं। वे इसे पढ़ाई में बाधक मानते हुए समय बरबाद करने का साधन मानते हैं। अभिभावकों को मेरे खेल पर आपत्ति न हो इसके लिए मैं-
    1. खेलकूद और पढ़ाई में संतुलन बनाऊँगा।
    1. पढ़ाई तथा गृहकार्य पूरा करने के बाद खेलकूद करूंगा।
    1. स्कूल से अधिक कार्य मिलने पर मैं उस दिन नहीं खेलूंगा। इसकी भरपाई के लिए मैं छुट्टी वाले दिन खेलकर कर लूंगा।
    1. अभिभावकों को खेलकूद की उपयोगिता एवं महत्ता बताऊँगा।

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

  1. यह छात्रों को प्रत्येक अध्याय में कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है और उन्हें अपनी अवधारणाओं को और अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

कक्षा 10 के लिए सीबीएसस्टूडुगुरु एनसीईआरटी सॉल्यूशंस का विकल्प क्यों चुनते हैं?

  • cbsestudyguru अपनी उंगलियों पर सभी विषयों के लिए एनसीईआरटी समाधान प्रदान करते हैं ।
  • ये समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा डिजाइन किए गए हैं और एनसीईआरटी की हर पाठ्यपुस्तक प्रश्नों के समाधान प्रदान करते हैं।
  • cbsestudyguru विशेष रूप से सीखने को इंटरैक्टिव, प्रभावी और सभी वर्गों के लिए बनाने पर केंद्रित है।
  • हम कक्षा 10 और अन्य सभी कक्षाओं के लिए मुफ्त एनसीईआरटी समाधान प्रदान करते हैं।

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