NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 संस्कृति

Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 संस्कृति

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 संस्कृति, (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 संस्कृति

Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 संस्कृति

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?
उत्तर:
लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ शब्दों का प्रयोग बहुत मनमाने ढंग से होता रहा है। यहाँ तक कि उनके साथ ‘भौतिक’ और ‘आध्यात्मिक’ जैसे विशेषण जोड़े जाते रहे हैं। इन विशेषणों के कारण इन शब्दों की समझ और अधिक गड़बड़ा जाती है।

प्रश्न 2.
आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज क्यों मानी जाती है? इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे?
उत्तर:
आग की खोज मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता की पूर्ति करती है। वह भोजन पकाने के काम आती है। अतः आदि मनुष्य ने इसे सबसे महत्त्वपूर्ण खोज माना। आज भी इसका महत्त्व सर्वोपरि है। तभी तो हर सांस्कृतिक कार्यक्रम से पहले दीया जलाया जाता है और खेलों में मशाल जलाई जाती है। आज यदि आग न हो तो पूरी सभ्यता ताश के महल की भाँति भरभरा कर गिर जाएगी।
आग की खोज के पीछे भोजन की प्रेरणा तो रही ही होगी; साथ ही प्रकाश और गर्मी पाने की प्रेरणा भी रही होगी। रात में आग बहुत काम आई होगी। सर्दियों में तो यह अमृत-जैसी सिद्ध हुई होगी। घनघोर ठंडी काली रात में जब आदिमानव आग से गर्मी लेता होगा, काली रात में देख पाया होगा और मांस को भूनकर खा पाया होगा तो उसे कितना आनंद मिला होगा। अतः उसने अग्नि को देवता माना होगा और उसे सुरक्षित रखने के उपाय खोजे होंगे।

प्रश्न 3.
वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है?
उत्तर:
लेखक के अनुसार, वास्तविक संस्कृत व्यक्ति वह है जिसकी बुद्धि और विवेक ने किसी भी नए तथ्य का अनुसंधान और दर्शन किया होगा। जैसे-न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत खोजा। वह वास्तविक रूप से संस्कृत व्यक्ति था।

प्रश्न 4.
न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?
उत्तर:
लेखक ने संस्कृत मानव की परिभाषा ऐसी दी है कि उसमें न्यूटन जैसे आविष्कारक और चिंतक ही आ पाते हैं। उनके अनुसार, जो व्यक्ति अपनी बुद्धि और विवेक से किसी नए तथ्य का अनुसंधान और दर्शन कर सकता है, वही संस्कृत व्यक्ति है। न्यूटन ने भी यही किया। उसने अपनी योग्यता, प्रेरणा और प्रवृत्ति से विज्ञान के विभिन्न नियमों को जाना और उसे जनता के सामने रखा। इस कारण वह संस्कृत व्यक्ति हुआ।
अन्य लोग, जो न्यूटन द्वारा खोजे गए सभी सिद्धांतों की जानकारी रखते हैं और अन्य सूक्ष्म सिद्धांत भी जानते हैं, न्यूटन जैसे संस्कृत नहीं हो सकते। कारण? उन्होंने अपनी योग्यता और प्रवृत्ति से ज्ञान का आविष्कार नहीं किया। उन्होंने तो न्यूटन या अन्य वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए सिद्धांतों को जाना-भर।

प्रश्न 5.
किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा?
उत्तर:
अपने तन को ढंकने के लिए, स्वयं को गर्मी, सर्दी और नंगेपन से बचाने के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा। सुई-धागे की खोज से पहले मनुष्य नंगा रहता था। वह जैसे-तैसे वृक्ष की खाल या पत्तों से तन को ढंकता था। किंतु उससे शरीर की ठीक से रक्षा नहीं हो पाती थी। अत: जब उसने सुई-धागे की खोज कर ली तो उसके हाथ बहुत बड़ी तकनीक लग गई। यह तकनीक इतनी कारगर थी कि आज भी हम लोग इसका भरपूर उपयोग करते हैं।

प्रश्न 6.
“मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।” किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब
(क) मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं।
(ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।
अथवा
‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब मानव-संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गईं तथा जब मानव-संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया?
उत्तर:
(क) मानव-संस्कृति एक है। हिंदू-संस्कृति’ के पक्षधर अपनी संस्कृति को महान बताएँ, यह स्वाभाविक है। हर मनुष्य को अधिकार है कि वह अपनी श्रेष्ठता और उपलब्धियों को याद रखे। इसी से उन्हें और अधिक बढ़ने का अवसर मिलता है। इसी भाँति ‘मुसलिम-संस्कृति’ भी अपनी पहचान को स्थापित करना चाहती है। यह स्वाभाविक है। परंतु सबसे घृणित लोग वे हैं जो किसी एक संस्कृति के पक्ष में होकर उसे अनचाहे लाभ दिलाते हैं। वे मुसलमान के नाम पर आरक्षण दिलाते हैं, नौकरियाँ पक्की कराते हैं, धार्मिक यात्राओं के लिए पैसे देते हैं, सरकारी खजाने से भोज देते हैं। बदले में उनके वोट पक्के करके सरकार पर कब्जा जमाना चाहते हैं। ऐसे लोग धूर्त सांप्रदायिक हैं। वे सांप्रदायिकता को हथियार बनाकर अपने विरोधियों को धूल चटाते हैं। ऐसे लोग ही दो संस्कृतियों को आपस में मिलने नहीं देते। वे उन्हें भिड़ाए रखते हैं।
                                                                                                                                          

(ख) मानव-संस्कृति एक है। विश्व के सभी लोग हिंदू-मुसलिम का भेद छोड़कर सभी संस्कृतियों की श्रेष्ठ चीजों को खुले मन से अपनाते हैं। ‘त्याग’ संस्कृति का महान गुण है। इसे कौन नहीं अपनाता? सभी अपनाते हैं। चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों या ईसाई। इसी भाँति ‘बुद्ध’ के ‘अप्प दीपो भव’ (अपने दीपक स्वयं बनो) पर सभी का अधिकार है। जब जापान पर अमरीका ने परमाणु बम गिराया तो सभी संस्कृतियों ने इसका विरोध किया। सांप्रदायिक हिंसा के भी सभी विरोधी हैं। ‘रसखान’ ने कृष्ण का गुणगान किया तो बिस्मिल्ला खाँ ने बालाजी का आशीर्वाद लिया। इसी भाँति करोड़ों हिंदू अजमेर शरीफ जाकर खुदा से दुआएँ करते हैं और पीरों की पूजा करते हैं। वास्तव में सामान्य लोग तो सब संस्कृतियों को बराबर सम्मान देते हैं, परंतु कूटबुद्धि राजनेता और प्रतिबद्ध विचारक उन्हें भिड़ाकर ही दम लेते हैं।

प्रश्न 7.
आशय स्पष्ट कीजिए|
(क) मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति?
उत्तर:
(क) लेखक प्रश्न करता है-मानव की जो योग्यता, भावना, प्रेरणा और प्रवृत्ति उससे विनाशकारी हथियारों का निर्माण करवाती है, उसे हम संस्कृति कैसे करें? वह तो आत्म-विनाश कराती है।
लेखक कहता है-ऐसी भावना और योग्यता को असंस्कृति कहना चाहिए।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8.
लेखक ने अपने दृष्टिकोण से सभ्यता और संस्कृति की एक परिभाषा दी है। आप सभ्यता और संस्कृति के बारे में क्या सोचते हैं, लिखिए।
उत्तर:
मेरे विचार से हमारे विचार-चिंतन और प्रवृत्तियों की विशेषता संस्कृति है। वह सूक्ष्म गुण है। वह हमारे मन और बुद्धि का गुण है। वह हमारे सोचने का ढंग है जो कि हमारी भाषा और प्रतिक्रियाओं में व्यक्त होता है। दूसरे शब्दों में, हमारे संस्कार संस्कृति के मूर्त रूप हैं।
सभ्यता स्थूल होती है। हमारे रहन-सहन, खान-पान और पहनावे के ढंग को सभ्यता कहते हैं। हम किस अवसर पर कैसे वस्त्र पहनते हैं, क्या खाते हैं, कैसे मंच, पंडाल, भवन आदि बनाते हैं, इन सबको सभ्यता की संज्ञा दी जाती है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 9.

निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह करके समास का भेद भी लिखिए

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

  1. यह छात्रों को प्रत्येक अध्याय में कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है और उन्हें अपनी अवधारणाओं को और अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

कक्षा 10 के लिए सीबीएसस्टूडुगुरु एनसीईआरटी सॉल्यूशंस का विकल्प क्यों चुनते हैं?

  • cbsestudyguru अपनी उंगलियों पर सभी विषयों के लिए एनसीईआरटी समाधान प्रदान करते हैं ।
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