NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि, (हिंदी)परीक्षा में राज्य बोर्ड और सीबीएसई स्कूलों में से कुछ में एनसीईआरटी की किताबों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाया जाता है के रूप में अध्याय एक अंत शामिल है, वहां एक अभ्यास के लिए छात्रों को मूल्यांकन के लिए तैयार सहायता प्रदान की है छात्रों को उन अभ्यासों को बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि बहुत पिछले उन लोगों से पूछा भीतर सवाल

कई बार, छात्रों के अभ्यास के भीतर अटक जाते है और सवालों के सभी स्पष्ट करने में सक्षम नहीं हैं छात्रों को सभी प्रश्नों को हल करने और अपनी पढ़ाई को संदेह के साथ बनाए रखने में सहायता करने के लिए, हमने सभी कक्षाओं के लिए छात्रों के लिए स्टेप एनसीईआरटी सॉल्यूशंस द्वारा कदम प्रदान किए हैं। इन उत्तरों को इसी तरह छात्रों की सहायता और सवालों का सही जवाब देने के तरीके के रूप में ठीक से सचित्र समाधानों की सहायता से बेहतर अंक स्कोरिंग में छात्रों की मदद मिलेगी

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोड़ि

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

 

प्रश्न 1. झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंगटोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था ।

उत्तर – झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाये गंगटोक की रहस्यमयी सितारों भरी रात लेखिका को सम्मोहित कर रही थी , उस रात के जादूभरे क्षण लेखिका का सब कुछ स्थगित कर रहे थे । वह शहर अतीन्द्रियता में डूबी रोशनी की जादुई झालर के समान था , जिसका सब कुछ सुन्दर था फिर चाहे वह सुबह हो शाम हो या रात ।

प्रश्न 2 . गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर ‘ क्यों कहा गया ?

उत्तर – गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस ऐतिहासिक शहर को बसाने में राजा – महाराजाओं और वहाँ के लोगों ने अथक परिश्रम कर इसे बसाया है इसी कारण यह शहर इतना सुंदर बन पाया । गंतोक में जीवन यापन करना बेहद कठिन है । लेकिन लोगों ने इतनी कठिनाइयों के बावजूद यहाँ की खूबसूरती को बरकरार रखा है ।

प्रश्न 3 . कभी श्वेत कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग – अलग अवसरों की ओर संकेत करता है ?

उत्तर – श्वेत बौद्ध पताकाएँ – जब भी किसी बौद्ध धर्मावलम्बी की मृत्यु होती है , उसकी आत्मा की शांति के लिए शहर से दूर किसी भी पवित्र स्थान पर एक सौ आठ श्वेत पताकाएँ फहरा दी जाती हैं । रंगीन पताकाएँ – किसी नये कार्य की शुरुआत करने में रंगीन पताकाएँ लगा दी जाती हैं । इन पताकाओं को उतारा नहीं जाता । ये स्वयं ही नष्ट हो जाती हैं ।

प्रश्न 4. जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति , वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं , लिखिए ।

उत्तर – जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ देते हुए कहा कि गंतोक की यात्रा में पूरे रास्ते हिमालय की गहनतम घाटियाँ मिलेंगी जो प्रियुता और रूडो ड्रेडों के फूलों से इस तरह भरी होगी मानो फूलों की सेज सजायी गई है । ‘ कटाओं ‘ के अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य के कारण इसे हिन्दुस्तान का स्विट्जरलैण्ड कहा जाता है । यहाँ ताजी बर्फ मिलती है । ‘ कवी लॉग स्टॉक ‘ नामक जगह पर ही ‘ गाइड ‘ फ़िल्म की शूटिंग हुई थी । जितेन ने धर्मचक्र के बारे में भी बताया इसे प्रेयर ह्वील कहते हैं जिसके घुमाने से पाप नष्ट हो जाते हैं ।

प्रश्न 5. लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक सी क्यों दिखाई दीं ?

उत्तर– ‘ लोंग स्टॉक ‘ में घूमते हुए गाइड जितेन बताने लगा यहाँ गाइड ‘ नामक फिल्म की शूटिंग हुई थी । यहाँ एक पत्थर स्मारक के रूप में भी है । उन्हीं रास्तों पर लेखिका ने एक कुटिया के अन्दर घूमता चक्र देखा जो धर्म चक्र बताया गया । इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं । मैदानी क्षेत्र के लोगों में भी गंगा नदी के प्रति ऐसी ही मान्यता है । लेखिका को महसूस हुआ कि तमाम वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद हमारे देश की आत्मा एक जैसी है चाहे वे मैदानी क्षेत्र के लोग हों या पहाड़ी क्षेत्र के लोगों की एक जैसी आस्थाएँ , पाप – पुण्य की अवधारणाएँ और कल्पनाएँ , विश्वास आदि ही भारत देश को एक सूत्र में बाँधे हुए हैं ।

प्रश्न 6. जितेन नागें की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं ?

उत्तर– जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करने के पश्चात एक कुशल गाइड में निम्न गुण होते हैं

( 1 ) पर्यटन स्थल की ऐतिहासिक एवं भौगोलिक स्थिति तथा विभिन्न स्थानों के महत्त्व तथा उनसे जुड़ी रोचक जानकारियों का पूर्ण ज्ञान होना ।

( 2 ) विभिन्न प्रकार की भाषाओं का ज्ञान तथा अपनत्व से पूर्ण संवाद शैली का होना ।

( 3 ) पर्यटन स्थल का सूक्ष्म निरीक्षण ।

( 4 ) सैलानियों की रुचियों का निरीक्षण आदि ।

( 5 ) मानवीय संवेदनाओं की समझ होना ।

( 6 ) विषम परिस्थितियों का सामना बुद्धि और कुशलता से करने में सक्षम होना ।

प्रश्न 7. इस यात्रा वृत्तांत में लेखिका ने हिमालय के जिन जिन रूपों का चित्रण खींचा है , उन्हें अपने शब्दों में लिखिए ।

उत्तर– पल – पल परिवर्तित होते हुए हिमालय का सौन्दर्य , वीरान सँकरे और जलेबी की तरह घुमावदार हिमालय , विशालकाय चौड़ी वादियाँ नजरों के छोर तक खूबसूरती ही खूबसूरती वेग से बहती तीस्ता नदी , सामने उठती धुंध , हवा के साथ झूमते प्रियुता और रुडो डैंड्रॉ के फूल हिमालय की सुन्दरता का मन पर यह प्रभाव पड़ा कि सभी सैलानी झूम – झूम कर गाने लगे – ‘ ये सुहाना सफर और ये मौसम हँसी । ‘

प्रश्न 8. प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है ?

उत्तर – प्रकृति के उस अनंत और विराट स्वरूप को देखकर लेखिका को लगा कि वह इस सारे परिदृश्य को अपने भीतर समेट ले । वह चित्रलिखित सी माया छाया के अद्भुत खेल को भर – भर आँखों से देखती जा रही थी । उसे लगा कि प्रकृति उसे सबानी बनाने के लिए जीवन रहस्यों को उद्घाटित करने पर तुली है । इन नजारों ने लेखिका को जीवन – शक्ति का अनुभव करा दिया । उसे लगा मानो मन का सारा मैल और वासनाएँ नदी की धार में यह कर नष्ट हो गई हो ।

प्रश्न 9. प्राकृतिक सौन्दर्य के आलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन – कौन से दृश्यों ने झकझोर किया ?

उत्तर – लेखिका जब प्रकृति के अलौकिक सौन्दर्य में डूबी हुई थी । उसी समय उसका ध्यान पत्थर तोड़ती हुई पहाड़ी औरतों पर गया । जिसके शरीर तो गुँथे हुए आटे के समान कोमल थे किन्तु उनके हाथों में कुदाल और हथौड़े थे । उनमें से कुछ की पीठ पर बंधी एक बड़ी टोकरी में उनके बच्चे भी थे । इतने स्वर्गीय सौन्दर्य के बीच मातृत्व और श्रम साधना के साथ – साथ भूख , मौत , दैन्य और जिंदा रहने की जंग जो पहाड़ों में रास्ता बनाने वाली ये अमिक औरतें झेल रही हैं । प्राकृतिक सौन्दर्य में इस दृश्य ने लेखिका की चेतना को झकझोर कर डाला ।

प्रश्न 10. सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव कराने में किन – किन लोगों का योगदान होता है ? उल्लेख करें ।

उत्तर– सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में निम्न लोगों का योगदान रहता है –

( 1 ) सर्वप्रथम सैलानियों को कुशल गाइड की आवश्यकता होती है ।

( 2 ) पर्यटन स्थल के स्थानीय निवासियों का योगदान रहता है ।

( 3 ) उस स्थान के झरने , पेड़ , फूल एवं वन्य जीवों का भी योगदान रहता है ।

( 4 ) वे सरकारी लोग जो व्यवस्था में संलग्न होते हैं ।

( 5 ) वे सहयोगी पात्री जो यात्रा में मस्ती भरा माहौल बनाए रखते हैं और कभी निराश नहीं होते हैं । उत्साह से भरपूर होते हैं ।

प्रश्न 11. ” कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं । ” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है ?

उत्तर – आम जनता का देश की आर्थिक प्रगति में विशेष योगदान होता है । आदिवासी युवतियों के फूले हुए पाँव और पत्थरों को तोड़ने वाली पहाड़ी युवतियों के हाथ में पड़े हुए वाटे ( टेक ) एक ही कहानी कहते हैं – वह आम जिंदगी की कहानी हर जगह एक जैसी है । देश के पहाड़ों , नदियों तथा जंगलों से जो सम्पदा प्राप्त होती है । उसमें आम जनता , अपनी श्रमशीलता से देश की प्रगति में मुख्य भूमिका निभा रही है । केवल बड़ी – बड़ी आधुनिक मशीनों के बल पर यह कार्य सम्भव नहीं है ।

प्रश्न 12. आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है ? इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए ?

उत्तर– आज की पौड़ी द्वारा प्रकृति को प्रदूषित किया जा रहा है । कल – कारखानों । निकलने वाले कैमिकल युक्त जल को नदियों में प्रवाहित करने से उनका जल पीने योग्य नहीं रह जाता और वे नालों में तब्दील हो रही हैं । पेड़ों की लगातार कटाई से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड बढ़ रही है , मिट्टी का कटाव हो रहा है , ग्लोबल वार्मिंग की समस्या विकराल होती जा रही है । चारों ओर बिछते कंकरीट के जाल में इसे और भयावह बना दिया है । वाहनों व कारखानों के धुएँ ने वायु को प्रदूषित किया है । प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाद को रोकने में हमारी निम्न भूमिका होनी चाहिए –

( 1 ) पहाड़ों पर लगे वृक्षों को न काटें और काटने वालों को भी रोकें ।

( 2 ) पहाड़ों पर अधिक – से – अधिक पेड़ लगाएँ व दूसरों को भी लगाने हेतु प्रेरित करें ।

( 3 ) कम से कम बाहनों का प्रयोग करके जिससे प्रदूषण में कमी आयें ।

( 4 ) नदियों आदि में गंदे नाले , अपशिष्ट पदार्थों को बहाना बंद करके ।

( 5 ) पॉलीथिन का प्रयोग कम – से – कम करके ।

प्रश्न 13. प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है । प्रदूषण के और कौन – कौन से दुष्परिणाम सामने आये हैं ? लिखें ।

उत्तर – प्रदूषण बढ़ने से स्नोफॉल ( बर्फ गिरना ) में कमी आ गई है । बढ़ते प्रदूषण के फलस्वरूप अनेक संकट और दुष्परिणाम सामने आ रहे है । कहीं सूखा पड़ रहा है और कहीं बाढ़ आ रही है । तापमान में वृद्धि होने से पर्वत पर हिमपात कम होता जा रहा है और ग्लेशियर तेजी से पिचल रहे हैं , इससे नदियों में जल की मात्रा कम होती जा रही है । जल , वायु , भूमि सभी प्रदूषण के जहर से कुप्रभावित हो रहे । न पीने का शुद्ध जल है , न साँस लेने को शुद्ध वायु , भूमि सभी प्रदूषण के जहर से कुप्रभावित हो रही है । लोग अनेक बीमारियों से ग्रस्त और त्रस्त हो रहे हैं । कैंसर , टी.बी. , मधुमेह , मानसिक तनाव और रक्तचाप में वृद्धि आदि से पीड़ित लोगों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है ।

प्रश्न 14. ‘ कटाओ ‘ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है । इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए ।

उत्तर– अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण ही ‘ कटाओ ‘ को धरती का स्विटजरलैण्ड कहा जाता है । ‘ कटाओ ‘ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है क्योंकि कटाओ अभी तक टूरिस्ट स्पॉट नहीं बना था इसलिए वहाँ पर कोई भी दुकान नहीं थी । अगर वहाँ दुकानें होतीं टूरिस्ट होते तो कुछ – न – कुछ गंदगी अवश्य फैलती और कटाओ के शुद्ध प्राकृतिक स्वरूप में कुछ कमी भी आ जाती है इसलिए वहाँ पर कोई दुकान न होना उसके लिए वरदान है ।

प्रश्न 15. प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है ?

उत्तर– प्रकृति ने बड़े ही सुन्दर ढंग से जल संचयन की व्यवस्था कर रखी है- सम्पूर्ण एशिया के जल स्तम्भ ये हिमशिखर सर्दियों में बर्फ के रूप में जल संग्रहण कर लेते हैं और गर्मियों में पानी के लिए जब त्राहि – त्राहि मचती है तो यही बर्फ शिलाएँ पिघल – पिघल कर हमारे सूखे कंठ को तरावट पहुँचाती हैं । इस प्रकार प्रकृति ने जल संचय की अद्भुत व्यवस्था की हुई है ।

प्रश्न 16. देश की सीमा पर बैठे फौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं ? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए ?

उत्तर– देश की सीमा पर बैठे फौजी अनेक कठिनाइयों से जूझते हैं । कड़कड़ाती ठंड में जब तापमान माइनस डिग्री में होता है तो ये फौजी देश की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए पहरा देते हैं । इनके लिए न दिन होता है न रात । इन्हें अपनी भावनाओं को संवेदनाओं को मारकर रहना पड़ता है । इनके प्रति देश के प्रत्येक नागरिक का ये कर्त्तव्य बनता है कि इन्हें हर खुशी प्रदान की जाए । इनके परिवार तथा इनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति की जाए । हमारा ये हर सम्भव प्रयास होना चाहिए कि जिनकी बदौलत हम चैन की नींद सोते हैं , वे सदैव खुश और स्वस्थ रहें ।

 

एनसीईआरटी सॉल्यूशंस के लाभ

एनसीईआरटी के कक्षा 10 समाधान में अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं, और प्रत्येक अध्याय के लिए, प्रत्येक अवधारणा को सरल बनाया गया है ताकि उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम प्राप्त करने की संभावनाओं को याद रखना और बढ़ाना आसान हो सके। परीक्षा की तैयारी के संदर्भ यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि ये समाधान आपको परीक्षा की तैयारी में कैसे मदद कर सकते हैं ।

  1. यह छात्रों को प्रत्येक अध्याय में कई समस्याओं को हल करने में मदद करता है और उन्हें अपनी अवधारणाओं को और अधिक सार्थक बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. कक्षा 10 समाधानों के लिए एनसीईआरटी समाधान आपको अपने ज्ञान को अपडेट करने और अपनी अवधारणाओं को परिष्कृत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि आप परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकें।
  3. ये समाधान सबसे अच्छी परीक्षा सामग्री हैं, जिससे आप अपने सप्ताह और अपनी ताकत के बारे में अधिक जानने की अनुमति देते हैं। परीक्षा में अच्छे परिणाम पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कमजोरियों को दूर करें।
  4. परीक्षा में ज्यादातर प्रश्न एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों के समान तरीके से तैयार किए जाते हैं । इसलिए, छात्रों को विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए प्रत्येक अध्याय में समाधानों की समीक्षा करनी चाहिए।
  5. यह निशुल्क है।

कक्षा 10 परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स और रणनीतियां

  1. अपने पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की योजना बनाएं और संशोधन के लिए समय बनाएं
  2. परीक्षा की तैयारी के लिए हर बार अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए cbsestudyguru वेबसाइट पर उपलब्ध एनसीईआरटी समाधान का उल्लेख करें ।
  3. परीक्षा को सफलतापूर्वक पास करने के लिए सीखना शुरू करने के लिए cbsestudyguru लर्निंग ऐप का उपयोग करें। हल और अनसुलझे कार्यों सहित पूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करें।
  4. यह अपने शिक्षकों या एलेक्स (एक अल अध्ययन बॉट) के साथ परीक्षा से पहले अपने सभी संदेहों को स्पष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है ।
  5. जब आप किसी चैप्टर को पढ़ते या पढ़ते हैं तो एल्गोरिदम फॉर्मूले, प्रमेय आदि लिखें और परीक्षा से पहले उनकी जल्दी समीक्षा करें ।
  6. अपनी अवधारणाओं को मजबूत बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें।
  7. आराम और उचित भोजन लें।  ज्यादा तनाव न करें।

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